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सीजी न्यूज:छत्तीसगढ़ नान घोटाले का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला को करारा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इनको मिली अग्रिम जमानत को रद्द कर दिया है। अब इनको नान घोटाले में भी जेल जाना पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने नान घोटाला मामला और आबकारी घोटाले से जुड़े लंबित मामलों का निराकरण कर दिया है। अब राज्य सरकार के लिए आरोपियों को पकड़ कर गिरफ्तार किया जाना आसान हो जाएगा। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने यह भी हिदायत दी है कि इन मामलों की जांच तय समय मे पूरी होनी चाहिए।
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मुश्किल में पूर्व आईएएस
छत्तीसगढ़ में लंबे समय तक चर्चा में रहे नान घोटाले में एक अहम फैसला आया है। नान घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला को हाईकोर्ट बिलासपुर से मिली अग्रिम जमानत को निरस्त कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि नान मामले इन दोनों आरोपियों को ईडी की कस्टडी में जाना होगा।
शीर्ष अदालत ने कहा है कि.इनको दो हफ्ते ईडी और दो हफ्ते न्यायिक हिरासत यानी चार हफ्तों की कस्टडी मिलेगी। इसके बाद इस मामले में जमानत दे दी जाएगी। इन पर आरोप है कि इन अधिकारियों ने 2015 में दर्ज नान मामले और उसके आधार पर ईडी द्वारा शुरू की गई जांच को प्रभावित करने की कोशिश की। ये अधिकारी शुक्ला और टुटेजा उस समय महत्वपूर्ण पदों पर थे।
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आबकारी घोटाले को लेकर भी अहम निर्णय
आबकारी घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से ‘नो कोर्सिव एक्शन’ का ऑर्डर प्रभावी था। यह आदेश छह लोगों पर प्रभावी था। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश उन याचिकाओं पर दिया था जिसमें आबकारी घोटाले से दर्ज दो प्रकरण ( छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश ) को समान प्रकृति का बताते हुए शीर्ष अदालत में दायर किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी सभी याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि, आबकारी घोटाले से जुड़े दोनों ही मामले अलग अलग प्रकृति के हैं।
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जांच की डेडलाइन फिक्स
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी और ईओडब्लू को जांच पूरी करने के लिए निश्चित समयसीमा निर्धारित की है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा ने ईडी को तीन महीने जबकि ईओडब्लू को दो महीने की समय सीमा के भीतर जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं। राज्य की ओर से महेश जेठमलानी और रवि शर्मा ने अदालत में तर्क रखे थे।