तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश ने बिलासपुर-जबलुपर नेशनल हाईवे के घटिया निर्माण की पोल खोल दी है। ठेकेदार ने इस निर्माण में भारी भ्रष्टाचार किया है। इसके चलते पहली ही बारिश में निर्माणाधीन सड़क कई जगहों पर धंस चुकी है। लगभग 400 किलोमीटर का नेशनल हाईवे नंबर 45 छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से मध्यप्रदेश के जबलपुर को जोड़ती है।
इस हाईवे पर सड़क का निर्माण कार्य जारी है। बिलासपुर से रतनपुर होते हुए केंदा घाट केंवची अमरकंटक होते हुए जबलपुर तक इसका निर्माण किया जा रहा है। कोलकाता के ठेकेदार श्याम इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा केंवची से लेकर ग्राम डूंगरा तक 139 करोड़ की लागत से सड़क निर्माण किया जा रहा है। निर्माण का स्तर इतना घटिया है कि महज तीन दिनों की बारिश से ही सड़क ने दम तोड़ दिया है। इस क्षेत्र में कई जगहों पर सड़क धंस चुकी है।
अर्थ वर्क का काम पूरा हुए बगैर ही बिछा दी डामर
जीपीएम जिले के बेलपत जोगिसर गांव के पास सबसे घटिया निर्माण हुआ है। यहां कई जगहों पर सड़क में लगभग 20 फीट के गड्ढे हो चुके हैं। सड़क कई जगह से धंस चुकी है और बैठ चुकी है। इस सड़क निर्माण में ठेकेदार का भारी भ्रष्टाचार देखने का मिल रहा है। यहां अर्थ वर्क और पिचिंग का काम भी गुणवत्तापूर्ण नहीं किया गया है। कई जगहों पर अर्थ वर्क का काम पूरा हुए बगैर ही डामर को बिछा दी गई है, जिसके चलते इस सड़क की पहली बारिश में ये दुर्दशा देखने को मिल रही है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग की इस सड़क की डिजाइन में ही खामियां है। तकनीकी त्रुटियां है। जिस जगह पर पुलिया निर्माण किया जाना था वहां पुलिया का निर्माण ही नहीं किया गया। इसके कारण पहाड़ी क्षेत्र में भारी बारिश और तेज बहाव के कारण नेशनल हाईवे सड़क कई जगहों पर धंस चुकी है।
बिलासपुर-जबलपुर नेशनल हाईवे की स्थिति पहली बारिश में ही क्यों खराब हो गई?
बारिश में हाईवे की स्थिति खराब होने का मुख्य कारण घटिया निर्माण कार्य और ठेकेदार द्वारा की गई लापरवाही और भ्रष्टाचार है। सड़क पर अर्थ वर्क (भूमि समतलीकरण) पूरा हुए बिना ही डामर बिछा दिया गया, जिससे पहली ही बारिश में सड़क धंस और फट गई।
हाईवे निर्माण में किन-किन तकनीकी खामियों की बात सामने आई है?
स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों के अनुसार, सड़क की डिजाइन में तकनीकी त्रुटियाँ हैं। जिस स्थान पर पुलिया बननी थी, वहाँ उसका निर्माण ही नहीं हुआ। इसके कारण बारिश में पानी का बहाव सही दिशा में न जाकर सड़क के नीचे घुस गया, जिससे कई हिस्सों में सड़क बैठ गई और 20 फीट तक के गड्ढे बन गए।
इस हाईवे निर्माण का ठेका किस कंपनी को मिला था और कितनी लागत से काम किया जा रहा है?
इस नेशनल हाईवे निर्माण का ठेका कोलकाता की "श्याम इंफ्रास्ट्रक्चर" कंपनी को दिया गया था। 139 करोड़ रुपये की लागत से यह निर्माण कार्य केंवची से ग्राम डूंगरा तक किया जा रहा है। लेकिन घटिया निर्माण के कारण यह पूरा कार्य भ्रष्टाचार और लापरवाही का उदाहरण बन गया है।