/sootr/media/media_files/2025/01/26/ASS06p8VsnY32g0nIKDb.jpg)
Naxal affected Narayanpur Padma award : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई है। इसमें छत्तीसगढ़ से पंडी राम मंडावी को भी पद्मश्री सम्मान की सूची में शामिल हुआ है। इसमें खास बात यह है कि ये पंडी राम मंडावी नारायणपुर जिले से आते हैं। यह जिला कोर नक्सल एरिया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि नक्सलियों के गढ़ से लगातार दूसरी साल किसी हस्ति को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है।
ये खबर भी पढ़ें... Weather Update :जनवरी में ही खत्म हो गया ठंड! अब पड़ेगी जोरदार गर्मी...
पिछली साल हेमराज को मिला था सम्मान
पंडी राम मंडावी से पहले नारायणपुर जिले के रहने वाले वैद्य हेमराज को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। वैद्य हेमराज औषधि ज्ञान के लिए छत्तीसगढ़ में बड़ा नाम हैं। वह लोगों को प्रकृतिक औषधिय सस्ती स्वास्थ्य सेवा देते हैं। वह पिछले 5 दशकों से अधिक समय से नक्सल प्रभावित ग्रामीण इलाकों में यह काम कर रहे हैं। खास बात यह है कि वह महज 15 साल की उम्र से ही जरूरतमंद लोगों की सेवा कर रहे हैं।
ये खबर भी पढ़ें... 50 लाख का इनामी नक्सली दामोदर फोर्स को चकमा दे गया... जिंदा बता रहे
बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रचारित कर रहे पंडी राम
पंडी राम मंडावी पिछले कई दशकों से बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रचारित कर रहे हैं। उनके योगदान को न केवल पारंपरिक वाद्ययंत्र निर्माण में, बल्कि लकड़ी की शिल्पकला के क्षेत्र में भी सराहा गया है।
पंडी राम मंडावी का यह सम्मान छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और कला को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पंडी राम मंडावी का समर्पण और मेहनत बस्तर के पारंपरिक कला रूपों को नई पहचान दिलाने में बेहद अहम भूमिका निभा रहे हैं।
ये खबर भी पढ़ें... IAS सौरभ कुमार जमीन आवंटन केस में फंसे ... हाईकोर्ट में मांगी माफी
पिछली साल तीन प्रतिष्ठित हस्तियों को भी पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया
पिछली साल छत्तीसगढ़ से अन्य तीन प्रतिष्ठित हस्तियों को भी पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था। जशपुर के जागेश्वर यादव, रायगढ़ के रामलाल बरेठ और नारायणपुर के हेमचंद मांझी को पद्मश्री सम्मान दिया गया था।
इनमें बिलासपुर संभाग के रायगढ़ जिले के रहने वाले पंडित रामलाल बरेठ को कला के क्षेत्र में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था। बरेठ कथक के उम्दा नर्तक हैं।
वहीं, जागेश्वर जशपुर में आदिवासी कल्याण के लिए काम करने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। बिरहोर और पहाड़ी कोरवा जैसी जनजातियों के लिए इन्होंने काम किया। जशपुर में एक आश्रम की स्थापना की। जहां यह आदिवासी समुदाय की निरक्षरता को खत्म करने और उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं में सुविधा देने के लिए काम करते हैं ।
ये खबर भी पढ़ें... पद्मश्री वैद्यराज को मौत का फरमान, नक्सलियों ने लिखा - कब तक बचेंगे
FAQ