छत्तीसगढ़ में 5 लाख के इनामी नक्सली कमांडर ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। 5 लाख का ईनामी नक्सली 2012 से एक्टिव था। शासन की नई पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर आरकेबी डिविजन के कोतरी एरिया कमेटी सदस्य व एलओएस डिप्टी कमांडर रूपेश मंडावी ने एसपी वायपी सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। सरेंडर नक्सली पर पांच लाख रुपए का इनाम था।
सरेंडर नक्सली रूपेश मंडावी उर्फ सुखदेव पिता मनकेर मंडावी 34 वर्ष ग्राम मुंजाल (कोपाटोला) थाना मदनवाड़ा का निवासी है। वह मदनवाड़ा, सीतागांव, औंधी, मानपुर एवं जिला कांकर के थाना गोंडातुर, पखांजुर तथा जिला नारायणपुर के माड़ क्षेत्र विजय रेड्डी (आरकेबी डिवीजन कमेटी सचिव एवं डीके एसजेडसी सदस्य) के साथ सक्रिय था। नक्सली कमांडर कमलेश के सम्पर्क से माओवादी संगठन में काम करना शुरू किया। सीएनएम के सांस्कृतिक गतिविधियों से प्रभावित होकर नक्सल संगठन में वर्ष 2012 भर्ती हुआ था।
2023 में डिप्टी कमांडर बना
रूपेश 2012 से 2019 तक विजय रेड्डी का गार्ड था। 2021 मार्च से एसीएम कोतरी एरिया कमेटी के पद पर प्रमोट हुआ। 2023 में डिप्टी कमांडर का प्रभार मिला। आत्म समर्पण होने तक कोतरी एरिया कमेटी सदस्य व एलओएस डिप्टी कमाण्डर के रूप में काम कर रहा था।
छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली कौन है और उस पर कितना इनाम था?
आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली रूपेश मंडावी उर्फ सुखदेव है, जो आरकेबी डिविजन के कोतरी एरिया कमेटी सदस्य और एलओएस डिप्टी कमांडर था। उस पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
रूपेश मंडावी कब और कैसे नक्सली संगठन से जुड़ा?
रूपेश मंडावी वर्ष 2012 में नक्सली संगठन में शामिल हुआ। वह पहले सीएनएम की सांस्कृतिक गतिविधियों से प्रभावित हुआ, और फिर कमांडर कमलेश के संपर्क में आकर माओवादी संगठन में सक्रिय हो गया।
आत्मसमर्पण करने की वजह क्या रही?
रूपेश मंडावी ने छत्तीसगढ़ शासन की नई पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया। उसने एसपी वायपी सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।