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Raipur. छत्तीसगढ़ में हुए देश के सबसे बड़े नक्सली सरेंडर को लेकर सियासत तेज हो गई है। इस पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा सरकार को घेरते हुए कई तीखे सवाल उठाए हैं। दीपक बैज ने कहा कि राज्य सरकार ने जो सरेंडर कार्यक्रम आयोजित किया, वह पूरी तरह से “सरकार का इवेंट” लगता है। उन्होंने दावा किया कि नक्सलियों का आत्मसमर्पण कांग्रेस सरकार की नीतियों का नतीजा है, क्योंकि कांग्रेस कार्यकाल (2018–2023) में ही बस्तर में विकास तेजी से हुआ था और नक्सलवाद 40 किलोमीटर के दायरे तक सिमट गया था।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा - “बीजेपी सरकार बताए कि उन्होंने बस्तर में ऐसा क्या विकास किया जिससे नक्सली समर्पण कर रहे हैं? क्या यह राजनीतिक दिखावा नहीं है?”
कांग्रेस ने मांगा नक्सलियों का प्रोफाइल
दीपक बैज ने राज्य सरकार से यह भी सवाल किया कि सरकार ने कहा कि 2000 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, लेकिन क्या ये सभी असली नक्सली हैं?
उन्होंने कहा, “हमने सरकार से उन नक्सलियों का पूरा प्रोफाइल मांगा है, लेकिन अब तक कोई जानकारी नहीं दी गई। अगर यह सच्चा आत्मसमर्पण अभियान है तो सरकार को सबूत पेश करने चाहिए।”
आबकारी सचिव की बैठक पर कांग्रेस का निशाना
दीपक बैज ने सरकार की शराब नीति पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि आबकारी सचिव आर. संगीता ने हाल ही में तीन दिनों तक बार, क्लब संचालकों और एसोसिएशन प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जिसमें शराब बिक्री बढ़ाने के तरीके पर चर्चा हुई।
बैज ने आरोप लगाया, “बीजेपी सरकार अब शराब की ब्रांडिंग कर रही है। विपक्ष में रहते हुए ये लोग शराबबंदी की बात करते थे, लेकिन अब पूरे प्रदेश में 1400 शराब काउंटर खोल दिए गए हैं। सरकार शराब की काली कमाई में डूब चुकी है।”
सीएम साय का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट से गायब
दीपक बैज ने बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी की स्टार प्रचारक सूची को लेकर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा- “मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में नहीं है, जबकि असम और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री इसमें शामिल हैं। सीएम साय ने तो अपनी अटैची बिहार में छोड़ दी थी, अब हाईकमान से ही कहेंगे कि उनका नाम जोड़ दिया जाए।”
बस्तर में कांग्रेस सरकार ने किया था असली काम
PCC चीफ दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान बस्तर के दुरुस्त अंचलों तक सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचीं। “कांग्रेस ने बस्तर को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा, लेकिन बीजेपी सरकार अब उन्हीं कामों का श्रेय लेने की कोशिश कर रही है,” उन्होंने कहा।
दीपक बैज के बयानों से साफ है कि कांग्रेस अब नक्सली सरेंडर, शराब नीति और राजनीतिक प्रचार—तीनों मोर्चों पर सरकार को घेरने की रणनीति में है। वहीं बीजेपी का दावा है कि यह सरेंडर “नया बस्तर” बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।