नक्सली भी पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से दुखी, कही ये बड़ी बात

मुकेश चंद्राकर नक्सलियों और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच कई मामलों में मध्यस्थ का काम भी करत थे। नक्सलियों के कब्जे से कोबरा बटालियन के जवान रिहा कराने वाली मध्यस्थ टीम में वे भी शामिल थे।

author-image
Marut raj
एडिट
New Update
Naxalite reaction cg journalist Mukesh Chandrakar murder the sootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

Naxalite reaction journalist Mukesh Chandrakar murder बस्तर के पत्रकार मुकेश चंद्रकार (28) की हत्या पर नक्सलियों ने भी दुख जताया है। यही नहीं उन्होंने इस पूरे हत्याकांड की जांच के लिए भी प्रशासन से मांग की है। अमूमन अपनी खुद की ही जन अदालत लगाकर न्याय का दावा करने वाले नक्सली पत्रकार की हत्या के मामले में सरकार से जांच और न्याय की मांग कर रहे हैं। 
इस संबंध में माओवादियों की ओर से एक प्रेसनोट भी जारी किया गया है। माओवादियों की दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की प्रवक्ता समता ने प्रेस नोट जारी कर इस घटना की निंदा की है। माओवादियों ने पत्रकार की हत्या की कड़ी निंदा की करते हुए खेद व्यक्त किया है। उन्होंने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की जांच की मांग की है।

नक्सलियों ने किया प्रेशर IED ब्लास्ट, फोर्स ने 3 आतंकी मार गिराए

मुकेश ने नक्सलियों से कराई थी कोबरा कमांडो की रिहाई 

मुकेश चंद्राकर नक्सलियों और सरकार के बीच कई मामलों में मध्यस्थ का काम भी करत थे। नक्सलियों के कब्जे से  कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को रिहा कराने वाली मध्यस्थ टीम में वे भी शामिल थे। जवान को रिहा कराने में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है। मुकेश एक दशक से बस्तर,नक्सली मुठभेड़ और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर खोज परख रिपोर्टिंग कर रहे थे। उन्होंने भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर भी किया है। वे बस्तर जंक्शन नाम का यूट्यूब चैनल भी चलाते थे। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि वे भी मुकेश से नक्सल समस्या के संबंध में सुझाव लिया करते थे।

प्रशासनिक गलियारों में दो आईएएस के प्रेम के चर्चे, इनमें एक शादीशुदा

एक जनवरी को कर दिया था मर्डर

एक जनवरी 2025 को ही हत्यारों ने बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर (28) का मर्डर कर दिया था। उन्होंने पहले पत्रकार को खाना खिलाया। इसके बाद उसे जमकर पीटा। जब मुकेश अधमरा हो गया, तो उसका गला घोंट दिया। इसके बाद धारदार हथियार से सिर पर मारा।

जम्मू-कश्मीर से जुड़ेगा छत्तीसगढ़, दुर्ग से सीधे श्रीनगर तक चलेगी ट्रेन

बचपन के दोस्त थे, कपड़े तक शेयर करते थे

मीडिया रिपोट्स के अनुसार 29-30 दिसंबर को मुकेश की हत्या का प्लान बना लिया गया था। दिनेश, रितेश और सुरेश चंद्राकर तीनों मुकेश के चचेरे भाई हैं। इनमें रितेश ही मुकेश का सबसे करीबी दोस्त था। इन्होंने साथ में पढ़ाई की है। इनके बीच रिश्ता इतना गहरा था कि ये दोनों कपड़े तक शेयर करते थे। प्रशासनिक गलियारों में दो आईएएस के प्रेम के चर्चे नई साल पर डिनर के लिए बुलाया मुकेश को इन लोगों ने 31 दिसंबर की रात खाने पर बुलाया, लेकिन वह नहीं पहुंच सका। इसके बाद इन लोगों ने उसे बार-बार फोन कर 1 जनवरी की शाम सुरेश के बैडमिंटन कोर्ट परिसर में बुलाया।  किसी को शक न हो इसलिए सुरेश और दिनेश दोनों भाई उस दिन जगदलपुर चले गए थे।

इन लोगों ने मुकेश को खाना खिलाया। इसी बीच मौका पाकर रितेश ने सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके के साथ मिलकर मुकेश की पहले पिटाई की, फिर सिर पर लोहे के किसी धार हथियार से वार किया, जिससे मुकेश के माथे पर गहरा घाव हो गया। वारदात के बाद दोनों आरोपियों ने शव को छिपाने के लिए सेप्टिक टैंक में डाल दिया।

धमाके में 30 फीट ऊपर उड़े जवान... नक्सलियों ने लगाया हैवी प्रेशर IED बम

खबर बनाने से नाराज हो गया सुरेश

हत्या होने के सप्ताहभर पहले मुकेश ने अपने रायपुर के एक साथी के साथ सड़क के भ्रष्टाचार की खबर बनाई। सुरेश उसी सड़क का ठेकेदार है। वह खबर चलते ही खफा हो गया था। सड़क की लागत 120 करोड़ रुपए थी। खबर पब्लिश होने के बाद सरकार ने सड़क निर्माण में लापरवाही को लेक जांच कमेटी बना दी। इससे सुरेश को गड़बड़ी का खुलासा और भारी भरकम मुकसान का डर था। हत्या के आरोप में सुरेश चंद्राकर को गिरफ्तार कर लिया गया है। 

 

FAQ

नक्सलियों ने बस्तर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर क्या प्रतिक्रिया दी ?
नक्सलियों ने बस्तर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर दुख व्यक्त किया है और इस हत्याकांड की जांच की मांग की है। माओवादियों ने पत्रकार की हत्या की कड़ी निंदा करते हुए खेद व्यक्त किया और सरकार से इस मामले की जांच करने का आग्रह किया।
मुकेश चंद्राकर ने नक्सलियों के साथ मिलकर किस महत्वपूर्ण मामले में भूमिका निभाई थी ?
मुकेश चंद्राकर नक्सलियों और सरकार के बीच मध्यस्थता करते हुए कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को नक्सलियों के चंगुल से रिहा कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे इस मामले में मध्यस्थ टीम का हिस्सा थे।
मुकेश चंद्राकर किस प्रकार के मुद्दों पर रिपोर्टिंग करते थे ?
मुकेश चंद्राकर बस्तर क्षेत्र में नक्सली मुठभेड़, भ्रष्टाचार, और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर खोजपरख रिपोर्टिंग करते थे। उन्होंने भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर किया था और वे बस्तर जंक्शन नामक यूट्यूब चैनल भी चलाते थे।

देखें प्रेस नोट....

पत्रकार मुकेश चंद्रकार बस्तर न्यूज इन हिंदी journalist Mukesh Chandrakar पत्रकार मुकेश चंद्राकर journalist Mukesh Chandrakar murder case Bastar journalist Mukesh Chandrakar बस्तर न्यूज पत्रकार मुकेश चंद्राकर की PM रिपोर्ट बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या