छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को करारा झटका, कोईमेंटा जंगल में मिला विस्फोटक सामग्री का जखीरा

छत्तीसगढ़ के कोईमेंटा जंगल में सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए नक्सलियों के ठिकाने से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की है। यह संयुक्त ऑपरेशन चलाया गया था।

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Krishna Kumar Sikander
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Naxalites get a big blow in Chhattisgarh the sootr
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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके में सुरक्षाबलों ने एक बार फिर नक्सलियों की रीढ़ तोड़ने में सफलता हासिल की है। कोईमेंटा जंगल में नक्सलियों के गुप्त ठिकाने से भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक सामग्री और अन्य संदिग्ध सामान बरामद किया गया है। यह ऑपरेशन 203 कोबरा वाहिनी, 241 बस्तर बटालियन सीएपीएफ और जिला बल की संयुक्त कार्रवाई का परिणाम है, जिसने नक्सलियों की योजनाओं पर बड़ा प्रहार किया है।

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खुफिया सूचना पर कार्रवाई

23 अगस्त, 2025 को मेट्टागुड़ा कैंप के जवानों को खुफिया जानकारी मिली थी कि कोईमेंटा पहाड़ी और आसपास के क्षेत्रों में नक्सलियों की गतिविधियां संदिग्ध हैं। इस सूचना के आधार पर तत्काल एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया। 203 कोबरा वाहिनी, 241 बस्तर बटालियन सीएपीएफ और जिला बल की टीमें ग्राम बोटेलंका, ईरापल्ली, कोईमेंटा पहाड़ी और दारेली जैसे क्षेत्रों में नक्सल विरोधी अभियान के लिए रवाना हुईं। सघन तलाशी के दौरान जवानों ने कोईमेंटा जंगल में नक्सलियों का एक गुप्त डंप खोज निकाला, जिसमें विस्फोटक सामग्री और हथियारों का जखीरा छिपाया गया था।

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नक्सलियों की खतरनाक मंशा उजागर

सुरक्षाबलों ने इस डंप से भारी मात्रा में सामग्री जब्त की, जो नक्सलियों की हिंसक योजनाओं की गंभीरता को दर्शाती है। बरामद सामान में शामिल हैं।
हथियार : कंट्रीमेड रायफल, बीजीएल लांचर और उसका बैरल।  
विस्फोटक और निर्माण सामग्री : इलेक्ट्रिक होल्डर वेल्डिंग, बैंच वाइस, स्टील पाइप, 7 लोहे के छड़, 2 किलो वजनी 45 लोहे की बेस प्लेट, 8 किलो के 47 पोल एंगलर, और लगभग 480 भारी-भरकम आयरन क्लैंप।  
अन्य उपकरण : 35 ग्राउंड सपोर्टर, 1 किलो, 18 और 12 इंच के दर्जनों क्लैंप, एक टी-टाइप क्लैंप, 20 मीटर इलेक्ट्रिक वायर, और एक इलेक्ट्रिकल एक्सटेंशन बोर्ड।  
नक्सल सामग्री : काला वर्दी, एम्युनेशन पाउच, टूटी हुई इन्वर्टर बैटरी, और यूएवी नेत्रा का टूटा हुआ प्रोपेलर।

यह सामग्री न केवल नक्सलियों की विस्फोटक हमलों की योजना को दर्शाती है, बल्कि उनके तकनीकी और रणनीतिक स्तर पर संगठित होने का भी सबूत देती है। 

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नक्सलियों की रीढ़ पर प्रहार

इस सफल ऑपरेशन ने नक्सलियों की कमर तोड़ने का काम किया है। बरामद सामग्री में शामिल भारी मात्रा में लोहे और विस्फोटक सामग्री से साफ है कि नक्सली किसी बड़े हमले की तैयारी में थे। यूएवी नेत्रा का टूटा हुआ प्रोपेलर इस बात की ओर इशारा करता है कि नक्सली अब तकनीकी उपकरणों का भी इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई ने न केवल उनकी योजनाओं को नाकाम किया, बल्कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया।

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जवानों के हौसले बुलंद

कोईमेंटा जंगल जैसे घने और दुर्गम इलाके में इस तरह की सफलता सुरक्षाबलों के साहस और समर्पण को दर्शाती है। यह ऑपरेशन नक्सलियों के लिए एक चेतावनी है कि सुरक्षाबल उनकी हर साजिश को नाकाम करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। जवानों की इस उपलब्धि ने स्थानीय लोगों में भी विश्वास जगाया है कि नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में सुरक्षाबल हर कदम पर मजबूती से डटे हुए हैं।

FAQ

कोईमेंटा जंगल में किस प्रकार की सामग्री बरामद हुई और इसका क्या महत्व है?
कोईमेंटा जंगल में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के गुप्त डंप से भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और तकनीकी सामग्री बरामद की, जिसमें कंट्रीमेड रायफल, बीजीएल लांचर, लोहे की बेस प्लेट, पोल एंगलर, क्लैंप, इलेक्ट्रिक वायर, इन्वर्टर बैटरी, वर्दी और टूटा हुआ यूएवी प्रोपेलर शामिल था। यह सामग्री नक्सलियों की बड़ी आतंकी योजना और उनकी तकनीकी तैयारी को उजागर करती है।
इस ऑपरेशन को किस-किस सुरक्षा बल ने मिलकर अंजाम दिया?
इस सफल ऑपरेशन को 203 कोबरा वाहिनी, 241 बस्तर बटालियन सीएपीएफ और जिला बल की संयुक्त टीम ने मिलकर अंजाम दिया। यह संयुक्त अभियान खुफिया जानकारी के आधार पर शुरू किया गया था।
सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई का क्षेत्रीय प्रभाव क्या पड़ा?
सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई ने नक्सलियों की बड़ी योजना को विफल कर दिया और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को मजबूत किया। इस सफलता से न केवल नक्सलियों की रीढ़ पर प्रहार हुआ, बल्कि स्थानीय लोगों में भी विश्वास बढ़ा कि सुरक्षाबल उनकी सुरक्षा के लिए सतर्क और सक्षम हैं।

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