Surrendered Naxals Big Disclosure : नक्सली हिंसा से अब नक्सली ही परेशान हो रहे हैं। अब नक्सलियों के कई सदस्य मुख्यधारा में लौट रहे हैं। इसी क्रम में, शनिवार को गढ़चिरौली पुलिस और सीआरपीएफ के सामने 8 लाख के इनामी हार्डकोर नक्सल दंपती ने आत्मसमर्पण कर दिया। महाराष्ट्र सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर कट्टर नक्सली असिन राजाराम कुमार उर्फ अनिल उर्फ गगनदीप और उनकी पत्नी अंजू सुल्या जले उर्फ सोनिया ने हथियार डाल दिए। दोनों कई नक्सली घटनाओं में शामिल थे और सरकार द्वारा घोषित 8 लाख के इनामी थे।
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हिमाचल प्रदेश में रह रहे थे गुप्त रूप से
असिन राजाराम 2006 में नक्सली संगठन की माड एरिया प्रेस टीम में शामिल हुए और 2011 तक सक्रिय रहे। 2018 से वे हिमाचल प्रदेश में गुप्त रूप से निवास कर रहे थे। उन पर मुठभेड़ के दो मामले दर्ज हैं। उनकी पत्नी अंजू सुल्या 2007 में नक्सली संगठन के टिपगढ़ एलओएस में शामिल हुई थीं और बाद में ओडिशा की प्रेस टीम में हिंदी और गोंडी भाषा की टाइपिस्ट के रूप में काम किया।
हिंसा के खिलाफ साम, दाम, दंड, भेद अपना रही सरकार
बता दें कि नक्सली हिंसा का खात्मा करने के लिए भारत में नक्सल प्रभावित राज्यों द्वारा एक विशेष नीति चलाई जा रही है। छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखण्ड, तेलंगाना में सरकार द्वारा आत्मसमर्पण सह पुनर्वास नीति लागू किया गया है। आत्मसमर्पण सह पुनर्वास नीति के तहत कई नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं। यह दंपती भी इसी नीति से प्रेरित होकर मुख्यधारा में लौटा है। पुलिस ने बताया कि नक्सलियों का आत्मसमर्पण नक्सल संगठन के खोखले आदर्शों और उनके नागरिकों के खिलाफ हिंसा के प्रति आक्रोश को दर्शाता है।
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