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naxals requests modi government : बड़े ऑपरेशन से नक्सलियों में अब डर का महौल है। घबराए नक्सलियों ने सरकार से जान बख्शने की अपील की है। पिछले कुछ महिनों से सरकार नक्सली हिंसा के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। इससे नक्सली दहशत में है। जवानों की कड़ी कार्रवाई को देखते हुए नक्सलियों ने ऑपरेशन रोकने का निवेदन किया है।
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शाह के आने से पहले झुके नक्सली
बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 4 अप्रैल को छत्तीसगढ़ दौरे पर आएंगे। इससे पहले नक्सलियों के शांति वार्ता का प्रस्ताव सामने आया है। नक्सलियों निवेदन करते हुए भारत सरकार से ‘ऑपरेशन कगार’ को रोकने का आग्रह किया गया है। उनका दावा है कि, इस ऑपरेशन के नाम पर आदिवासी समुदायों के खिलाफ काफी हिंसा हुई है। वे सुरक्षा बलों की वापसी और आतंकवाद विरोधी अभियानों को रोकने की मांग करते हैं।
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नक्सलियों ने शांति वार्ता के लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं-
1. युद्ध विराम और शांति वार्ता की अपील
- सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति ने मध्य भारत में युद्ध को तत्काल रोकने की अपील की है।
- वे शांति वार्ता को सुगम बनाने के लिए भारत सरकार और सीपीआई (माओवादी) दोनों से बिना शर्त युद्ध विराम की मांग करते हैं।
2. सरकार का माओवादी विरोधी अभियान ('कागर' ऑपरेशन)
- भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर माओवादी-प्रभावित क्षेत्रों को लक्षित करते हुए 'कागर' नामक एक गहन आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया।
- इस अभियान के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर हिंसा, हत्याएं और सामूहिक गिरफ्तारियां हुई हैं।
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3. शांति वार्ता के लिए माओवादियों की शर्तें
- प्रभावित आदिवासी क्षेत्रों से सुरक्षा बलों की तत्काल वापसी।
- नई सैन्य तैनाती का अंत।
- आतंकवाद विरोधी अभियानों का निलंबन।
4. सरकार के खिलाफ आरोप
- सरकार पर क्रांतिकारी आंदोलनों को दबाने के लिए आदिवासी समुदायों के खिलाफ "नरसंहार युद्ध" छेड़ने का आरोप है।
- नागरिक क्षेत्रों में सैन्य बलों के उपयोग को असंवैधानिक बताया जाता है।
5. सीपीआई (माओवादी) ने जनता से समर्थन मांगा
- माओवादियों ने बुद्धिजीवियों, मानवाधिकार संगठनों, पत्रकारों, छात्रों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं से शांति वार्ता के लिए सरकार पर दबाव बनाने का आग्रह किया।
- वार्ता के लिए गति बनाने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने का अनुरोध किया गया।
6. शांति वार्ता के लिए माओवादियों की तत्परता
- अगर सरकार उनकी पूर्व शर्तों पर सहमत होती है तो वे बातचीत में शामिल होने की इच्छा व्यक्त करते हैं।
- सीपीआई (माओवादी) ने कहा कि जैसे ही सरकार सैन्य अभियान बंद करेगी, वे युद्ध विराम की घोषणा करेंगे।
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