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छत्तीसगढ़ में अवैध प्लाटिंग पर रोक लगाने के लिए नया कानून लाया गया है। इसके तहत कई नए नियम लागू किए गए हैं। इन नियमों से बिल्डरों पर शिकंजा भी कसेगा। इन नियमों के लागू होने के बाद कोई भी अवैध प्लाटिंग कर नहीं पाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान रहेगा।
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अब तक देखा गया है कि बिल्डर किसी भी किसान की जमीन कम दर पर खरीदकर वहां कालोनी या फिर अन्य प्रोजेक्ट लाकर उस जमीन के जरिए जमकर मुनाफा कमाता है, लेकिन नए नियम के तहत जमीन बेचने के बाद किसान का जमीन पर हक जरूर नहीं रहेगा, लेकिन उस जमीन पर अगर कोई कालोनी या प्रोजेक्ट संबंधी कोई प्रस्ताव बिल्डर बनाता है, तो इसके लिए पहले उसे संबंधित जमीन के किसान से भी सहमति लेनी होगी। उसकी सहमति के साथ बिल्डर को उस जमीन पर नया कार्य शुरू करने की अनुमति मिल पाएगी। इस तरह अपनी जमीन बेचने के बाद भी किसान उस जमीन के खरीदार का पार्टनर की तरह जुड़ा रहेगा, जिससे उसे लाभ भी मिलेगा।
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दावा-आपत्ति, सुझाव का अंतिम दिन आज
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने छत्तीसगढ़ किफायती जन आवास नियम 2025 के तहत प्लाटिंग करने के नियमों में बदलाव किया है। इस संबंध में दो सप्ताह पहले अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इन नियमों को पूरे राज्य में लागू किया जाना है। रायपुर जिले में इसे लागू करने के लिए दावा-आपत्ति एवं सुझाव भी मंगाए गए थे, जिसका मंगलवार को अंतिम दिन है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार नए नियमों के लिए दावा-आपत्तियों के साथ कुछ सुझाव भी आए हैं। उनका कहना है कि अंतिम दिन के बाद ही वे बता पाएंगे कि कुल आपत्ति एवं सुझाव कितने आए हैं। अधिकारियों का यह भी कहना है, आपत्तियों का निराकरण एवं सुझाव पर विचार शासन स्तर पर किया जाएगा। इसके बाद ही नए नियम लागू किए जाएंगे।
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दूसरे जिलों से भी मंगाई गई है दावा-आपत्ति व सुझाव
सूत्रों के अनुसार विभाग द्वारा जारी की गई अधिसूचना के तहत दूसरे जिलों में भी दावा-आपत्ति एवं सुझाव मांगे गए हैं। इन सभी जिलों से आपत्ति एवं सुझाव आने के बाद इनका परीक्षण किया जाएगा, जो आपत्तियां सही होंगी, उनका निराकरण भी किया जाएगा।
नए कानून में इन नियमों का करना होगा पालन
प्लाटिंग करने वालों को कलेक्टर गाइडलाइन के मुताबिक शुल्क अदा करना होगा, जिससे सरकार का राजस्व बढ़ेगा। साथ ही कृषि जमीन पर अवैध प्लाटिंग का काम बंद भी हो जाएगा। अभी तक बिल्डर या भू-माफिया कोई भी कृषि भूमि को क्रय करने के बाद प्लॉट काटना शुरू कर देते थे, लेकिन नए नियम के तहत प्लाटिंग अब दो एकड़ से कम जमीन पर नहीं की जा सकेगी। इसकी अनुमति नहीं होगी।
प्लाटिंग से पहले से पूरा प्लान शो करना होगा
अब तक देखा जाता है कि कई बिल्डर प्लॉट काटने के बाद तय करते थे कि उसकी कुल जमीन में कौन से हिस्से में कौन सा निर्माण करना है, लेकिन नए नियम के तहत अब प्लॉट काटने से पहले अपने पूरे प्लान को शो करना होगा कि कौन से क्षेत्र में सड़क, व्यावसायिक काम्पलेक्स, गॉर्डन या अन्य का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा बाउंड्रीवॉल बनाकर वहां बोर्ड भी लगाना होगा।
किसानों को भी मिलेगा फायदा
रायपुर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के उप संचालक विनीत नायर ने बताया कि, नए नियमों से कृषि भूमि बेचने वाले किसानों को भी फायदा होगा। जमीन बेचने के बाद भी एक प्रकार से वे खरीदार या बिल्डर के पार्टनर की तरह होंगे, क्योंकि उस जमीन पर कोई भी कालोनी का निर्माण या प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए उनकी सहमति वाले आवेदन को ही अनुमति मिलेगी। इससे जमीन बेचने के बाद भी किसान को भी लाभ मिलेगा।
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