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उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की एक शर्त के कारण छत्तीसगढ़ में नई रेत नीति लागू नहीं हो पा रही है। विजय शर्मा जो पंचायत मंत्री भी है, उनका कहना है सरकार रेत नीति में पंचायतों को भी खनन का अधिकार दें। जबकि ड्राफ्ट के अनुसार सरकार ने इसका जिम्मा CMDC यानी छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम को दे दिया है।
कैबिनेट से वापस हुआ प्रस्ताव
बताया जा रहा है सरकार रेत नीति को इसी मानसून सत्र में लाकर पास करवाना चाहती थी। इसके लिए सत्र से पहले हुए कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव की स्वीकृति होनी थी। लेकिन उपमुख्यमंत्री की असहमति के कारण इसे वापस लेना पड़ा।
क्या है नई रेत नीति..
नई नीति का उद्देश्य रेत खनन कार्यों को सुव्यवस्थित करना है, यह सुनिश्चित करना कि वे अच्छी तरह से लागू हों और जनता के लिए फायदेमंद हों। इसमें पारदर्शिता और वैज्ञानिक तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। पर्यावरण संबंधी मंजूरियों में तेजी लाने के लिए, तीन राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन समितियों की स्थापना की गई है। यह पिछली एकल समिति की तुलना में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। इससे लंबित आवेदनों को तेजी से स्क्रूटनी देने में मदद करेगी।
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छत्तीसगढ़ कैबिनेट | Chhattisgarh Cabinet
विजय शर्मा ने नहीं दिया जवाब..
इस सम्बंध में उपमुख्यमंत्री और पंचायत मंत्री विजय शर्मा से कई बार सम्पर्क करने की कोशिश की गई। द सूत्र ने उन्हें सवाल मैसेज भी किया लेकिन उनका कोई रिप्लाई नहीं आया। यहाँ तक कि उनकी टीम के सदस्यों को भी सवाल बताया गया, लिखकर भेजा गया लेकिन जवाब नहीं मिला। हालांकि खनिज सचिव पी दयानंद ने इतना बताया कि अभी नई रेत नीति लागू होने में कुछ और समय लग सकता है।
अवैध खनन रोकना उद्देश्य..
छत्तीसगढ़ सरकार ने रेत खनन व्यवस्था को अधिक पारदर्शी, संगठित, पर्यावरण-संवेदनशील और जनहितैषी बनाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है। कॉंग्रेस सरकार के दौरान राज्य में संचालित रेत खदानों की संख्या 300 से घटकर लगभग 100-150 रह गई थी, जिससे निर्माण कार्य प्रभावित हुए और अवैध खनन को बढ़ावा मिला। इसे रोकने के लिए साय सरकार द्वारा खनिज नीति में सुधार कर रेत खनन की व्यवस्था को बनाई गई है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि पहले पंचायतों के पास रेत खनन का अधिकार था, जिसे अब सीएमडीसी (छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम) को सौंप दिया गया।
Deputy CM Vijay Sharma | sand policy
300 खदानों को मंजूरी पर विचार
वर्तमान में, 119 रेत खदानें पर्यावरण मंजूरी के साथ कानूनी रूप से संचालित हो रही हैं, और 94 आवेदन पर खनन अधिकार देने की प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं। इसके अतिरिक्त, सरकार अगले डेढ़ साल में 300 से अधिक नई खदानों को मंजूरी देने की योजना बना रही है।ताकि रेत की स्थिर आपूर्ति बनी रहे और निर्माण परियोजनाओं का समर्थन किया जा सके।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी...
पिछली सरकार ने रेत खुदाई को पर्यावरण के नुकसान बताते हुए खदानों में कमी कर दी थी लेकिन इस सरकार ने IIT रुड़की से सम्पर्क कर पाया कि वैज्ञानिक तरीके से हुआ। रेत खनन नदियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित नहीं करता है। इसके आधार पर सरकार ने रेत खदानों को संख्या बढ़ा दी।
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कार्रवाई भी जारी...
वित्तीय वर्ष 2024-25 से जून 2025 तक, अधिकारियों ने अवैध खनन के 6,331 मामले दर्ज किए हैं। की गई कार्रवाइयों में ₹18.02 करोड़ की वसूली, 184 मशीनों को जब्त करना और 56 एफआईआर और 57 अदालती मामले दर्ज करना शामिल है। जिला और राज्य स्तर पर टास्क फोर्स विभिन्न विभागों के अधिकारियों सहित, सक्रिय रूप से निगरानी कर रहे हैं और प्रवर्तन कार्रवाई कर रहे हैं।
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