छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं बल्कि पार्टियां चल रहीं हैं। दरअसल, एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ड्यूटी के समय चिकन पार्टी कर रहे थे। धमधा के कन्हारपुरी अस्पताल में डॉक्टर, बीपीएम सहित स्टॉफ के लोग जमकर पार्टी कर रहे थे। इस दौरान सभी लोग चिकन खा रहे थे। जब डॉक्टरों की पार्टी चल रही थी, तो स्टाफ के लोगों ने मरीजों से कह दिया कि अभी अस्पताल बंद है।
दुर्ग जिले में जिला अस्पताल के बाद एक बार फिर धमधा के कन्हारपुरी सरकारी अस्पताल में डॉक्टर समेत वहां के स्टॉफ ने इलाज छोड़कर जमकर मुर्गा पार्टी करने लगे। इस दौरान जब अस्पताल में जाकर पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा पूरा स्टॉफ बाहर ड्यूटी पर है और वो लोग यहां मुर्गा पार्टी कर रहे हैं।
बता दें कि अस्पताल के खुलने का समय सुबह 10 बजे और बंद होने का समय 4 बजे है लेकिन, यहां का स्टॉफ इसे अपनी मर्जी से चलाता है। बुधवार को अस्पताल केवल 2 बजे तक खुला था। इसके बाद अस्पताल के अंदर मुर्गा पार्टी शुरू हो गई। मरीज के बेट के बगल से गैस चूल्हा रखकर वहीं चिकन बनाने लगे।
इसके बाद जब और अंदर गए तो दूसरे लॉन और वार्ड में कुछ लोग पत्तल पर चावल रखकर चिकन आने का इंतजार कर रहे थे। वहीं कुछ कर्मचारी वहां बैठे लोगों को पत्तल, सलाद और पानी परोस रहे थे। इसके बाद ये पार्टी कई घंटे तक चलती रही। दोपहर से 3 से शाम 5 बजे तक वहां के स्टॉफ ने चिकन चावल का लुत्फ उठा रहे थे।
सरकारी अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ चिकन पार्टी क्यों कर रहे थे?
डॉक्टर और स्टाफ ने ड्यूटी के समय को नजरअंदाज करते हुए अस्पताल के अंदर चिकन पार्टी की। उन्होंने मरीजों को यह कहकर मना कर दिया कि अस्पताल बंद है, और इलाज छोड़कर पार्टी में व्यस्त हो गए।
अस्पताल के समय और स्टाफ के व्यवहार में क्या अनियमितताएं पाई गईं?
अस्पताल का निर्धारित समय सुबह 10 बजे से दोपहर 4 बजे तक है, लेकिन बुधवार को यह केवल 2 बजे तक खुला था। इसके बाद स्टाफ ने गैस चूल्हा लगाकर वार्ड के अंदर चिकन बनाना शुरू कर दिया। मरीजों की देखभाल छोड़कर पार्टी में समय बिताया गया।
इस घटना के मरीजों और अस्पताल की व्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़े?
मरीजों को अस्पताल बंद होने का बहाना देकर इलाज से वंचित किया गया। इस घटना से अस्पताल की व्यवस्था, समय पालन, और मरीजों की देखभाल पर सवाल खड़े हुए हैं। सरकारी सेवाओं में अनुशासनहीनता और लापरवाही का यह बड़ा उदाहरण है।