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Chhattisgarh Electricity Bill Tariff : छत्तीसगढ़ में बिजली उपभोक्ताओं को दिसंबर का बिल करंट दे सकता है। इस साल जून महीने से उपभोक्ताओं को लगातार बढ़े हुए रेट की मार झेलनी पड़ रही है। जून से लेकर अक्टूबर तक बिजली की दरों में 17 फीसदी तक का इजाफा हो चुका है। इस बार बिजली उपभोक्ताओं को बढ़े हुए ऊर्जा प्रभार का सामना करना पड़ेगा।
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हर महीने तय हो रहा बिजली का रेट
प्रदेशभर के बिजली उपभोक्ताओं को लगातार चौथे माह भी महंगी बिजली का झटका लगा है। अब अक्टूबर की बिजली तीन फीसदी महंगी हो गई है।
बिजली की कीमतों में जून से लगातार इजाफा हो रहा है। बीते चार महीने में बिजली की कीमत करीब 17 फीसदी बढ़ी हैं। हालांकि, जून में जब बिजली का नया टैरिफ जारी हुआ, उस समय बिजली महंगी होने का असर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ा था, क्योंकि उस समय ऊर्जा प्रभार कम कर दिया गया था।
छत्तीसगढ़ में अब हर माह बिजली की कीमत तय होने के कारण जून में ऊर्जा प्रभार यानी टैरिफ पर जो शुल्क 0.69 प्रतिशत था, वह अब अक्टूबर में 17.31 फीसदी हो गया है। अब दिसंबर में जो नवंबर का बिल आएगा, उसमें अक्टूबर की खपत के हिसाब के अंतर की राशि ली जाएगी।
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400 यूनिट तक बिल हाफ योजना का लाभ
यानी कि 100 यूनिट तक टैरिफ 3.90 रुपए प्रति यूनिट है। इसमें 17.31 फीसदी के हिसाब से अतिरिक्त पैसे लगेंगे। आगे जितनी खपत होगी, उसके टैरिफ के हिसाब से पैसे अतिरिक्त पैसे लगेंगे। हालांकि, 400 यूनिट तक बिजली बिल हाफ योजना के कारण पैसे आधे ही लगेंगे।
इस तरह बढ़ रहा ऊर्जा प्रभार
छत्तीसगढ़ में उत्पादन लागत के अंतर की राशि को उपभोक्ताओं से वसूलने के लिए नया फार्मूला फ्यूल पॉवर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज ( एफपीपीएएस ) लागू है। जून में यह 0.69 फीसदी था। जुलाई से इसमें लगातार इजाफा हो रहा है। जुलाई में यह 4.72 फीसदी हुआ। अगस्त में यह 11.95 फीसदी हो गया। सितंबर में ऊर्जा प्रभार पर शुल्क 14.23 रहा। अब अक्टूबर में ऊर्जा प्रभार पर शुल्क 17.31 प्रतिशत होने के कारण कीमत में 3.08 फीसदी का इजाफा हो गया है।