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छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित कोयला घोटाले की जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) की विशेष अदालत ने छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल सहित तीन लोगों के खिलाफ गैरजमानती और बेमियादी वारंट जारी कर दिया है। इन पर कोयला आवंटन प्रक्रिया में अनियमितता और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। बताया जा रहा है कि अग्रवाल लंबे समय से जांच एजेंसियों के समक्ष पेश नहीं हो रहे थे, जिसके चलते अदालत ने यह सख्त कदम उठाया।
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विधिक मुश्किलें बढ़ीं
विधि विशेषज्ञों का मानना है कि गैरहाजिरी के चलते अब राम गोपाल अग्रवाल को अदालत से अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) लेना भी आसान नहीं होगा। गैरजमानती और बेमियादी वारंट के चलते अदालत उन्हें भगोड़ा करार दे सकती है, जिससे उन्हें कानूनी राहत पाने में गंभीर अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है।
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तीनों आरोपियों की भूमिका संदिग्ध
सूत्रों के अनुसार, इस मामले में राम गोपाल अग्रवाल के साथ जिन दो अन्य लोगों के खिलाफ वारंट जारी हुआ है, वे भी कोयला आवंटन में कथित रूप से शामिल रहे हैं। जांच एजेंसी ने इनके खिलाफ दस्तावेजी साक्ष्य और गवाहों के बयान अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए हैं, जिनके आधार पर यह आदेश पारित किया गया।
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राजनीतिक हलचल तेज
इस कार्रवाई के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। विपक्ष ने कांग्रेस पार्टी पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लगाया है, वहीं कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
ACB/EOW की अगली कार्रवाई को लेकर अब सभी की निगाहें अदालत की अगली सुनवाई और आरोपियों की गिरफ्तारी पर टिकी हैं।
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