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छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के घने जंगलों में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। बुधवार को हुई इस मुठभेड़ में माओवादी संगठन के शीर्ष नेता और 1 करोड़ रुपये के इनामी नक्सली नम्बाला केशव राव उर्फ बसवराजू के मारे जाने की खबर है। बसवराजू नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का पोलित ब्यूरो सदस्य और संगठन का महासचिव था, जिसे देशभर में नक्सल नेटवर्क का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता था। इस मुठभेड़ को नक्सलवाद के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक माना जा रहा है।
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गोलियों की तड़तड़ाहट और जवानों की बहादुरी
इस मुठभेड़ का एक लाइव वीडियो सामने आया है, जिसमें अबूझमाड़ के जंगलों में गोलियों की तड़तड़ाहट और सुरक्षाबलों की सटीक कार्रवाई देखी जा सकती है। वीडियो में जंगल और पहाड़ी इलाकों में चल रहे इस सुनियोजित ऑपरेशन की तीव्रता साफ झलकती है। यह ऑपरेशन नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंडागांव जिले की डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) और अन्य सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाई का हिस्सा था।
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30 नक्सलियों का सफाया, 1 जवान बलिदान
सूत्रों के अनुसार, इस मुठभेड़ में अब तक 30 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जिसमें कई पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमेटी के बड़े कैडर शामिल हैं। हालांकि, इस ऑपरेशन में एक जवान शहीद हो गया, जबकि एक अन्य घायल है। बसवराजू की पहचान की आधिकारिक पुष्टि पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक जांच के बाद होगी, लेकिन सूत्रों का दावा है कि उसका मारा जाना नक्सल संगठन के लिए 40 सालों में सबसे बड़ा नुकसान हो सकता है।
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बसवराजू था नक्सलियों का ‘मास्टरमाइंड’
नम्बाला केशव राव उर्फ बसवराजू नक्सल संगठन का एक कुख्यात चेहरा था। कई राज्यों में हिंसक घटनाओं की साजिश रचने और नक्सल गतिविधियों को संचालित करने में उसकी अहम भूमिका थी। 1 करोड़ रुपये के इनामी इस नक्सली की तलाश देशभर की सुरक्षा एजेंसियों को थी। उसका मारा जाना नक्सल संगठन की संरचना और मनोबल पर करारा प्रहार माना जा रहा है।
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कर्रेगुट्टा के बाद अबूझमाड़ में बड़ी कामयाबी
इससे पहले, छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर 21 अप्रैल से 11 मई तक चले ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट में सुरक्षाबलों ने 31 नक्सलियों को ढेर किया था। इस ऑपरेशन में 214 माओवादी ठिकानों और बंकरों को नष्ट किया गया और 450 आईईडी बरामद किए गए। अबूझमाड़ की ताजा मुठभेड़ ने एक बार फिर सुरक्षाबलों की दृढ़ता को साबित किया है।
2026 तक नक्सलमुक्त भारत का संकल्प
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में सुरक्षाबल लगातार अभियान चला रहे हैं। बढ़ते दबाव के चलते कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है। अबूझमाड़ में बसवराजू जैसे शीर्ष नक्सली के मारे जाने से नक्सलवाद के खिलाफ इस जंग में सुरक्षाबलों को एक निर्णायक बढ़त मिली है।
नक्सलियों पर बढ़ता दबाव
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में अब तक 130 नक्सली मुठभेड़ों में मारे गए हैं, जिनमें से 110 से अधिक बस्तर संभाग में ढेर हुए। इसके अलावा, 105 से अधिक नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 164 ने आत्मसमर्पण किया है। यह मुठभेड़ नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। सुरक्षाबलों की इस ऐतिहासिक कार्रवाई ने नक्सलियों के गढ़ अबूझमाड़ में उनके नेटवर्क को गहरी चोट पहुंचाई है। बसवराजू का मारा जाना न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी जीत है।
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