/sootr/media/media_files/2025/07/07/now-panic-among-naxals-appeal-government-peace-talks-2025-07-07-11-02-42.jpg)
पुलिस और नक्सलियों के बीच लगातार चल रही मुठभेड़ों के चलते नक्सलियों में दहशत है। जहां नक्सली इन मुठभेड़ों पर रोक लगाने प्रयास कर रहे हैं, वहीं सरकार को पत्र लिखकर शांतिवार्ता के लिए पहल करने की मांग कर रहे हैं। एक बार फिर नक्सलियों की तरफ से तेलंगाना सरकार से गुहार लगाते पत्र जारी किया गया है, जिसमें नक्सलियों का कहना है कि लगातार हो रही मुठभेड़ों पर रोक लगाई जाए। वहीं नक्सलियों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे के बयान पर आपत्ति जताते हुए उसे झूठा बताया है।
ये खबर भी पढ़िए...Weather Update : मूसलाधार बारिश का कहर... रेड अलर्ट जारी
नक्सलियों की तरफ से केंद्रीय समिति रेजिमेंट के प्रतिनिधि अभय ने तेलुगू भाषा में 3 पत्रों का पत्र जारी करते तेलंगाना सरकार से पुलिस और नक्सलियों के बीच लंबे समय से चली आ रही मुठभेड़ों पर रोक लगाने और इसे लेकर केंद्र से बात करने भी कहा है। नक्सलियों ने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाते कहा कि पाकिस्तान से शांतिवार्ता के लिए सरकार आगे आ रही है, लेकिन आदिवासियों के साथ ही नक्सलियों से बात करने सरकार लगातार इंकार कर रही है। इसके साथ ही नक्सलियों ने कहा कि बीते 29 जून को तेलंगाना के निजामाबाद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान को झूठा बताते कहा है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का खात्मा करने का वादा करते वे देश में झूठ फैला रहे हैं।
ये खबर भी पढ़िए...अब मुंबई में भी मिलेगा ठहरने का ठिकाना, छत्तीसगढ़ भवन निर्माण को मिली मंजूरी
तेलंगाना की शांतिवार्ता समिति ने की थी पहल तो नक्सलियों ने रखी थी शर्तें
नक्सलियों ने पत्र में बताया कि तेलंगाना में गठित शांतिवार्ता समिति ने मार्च में बातचीत की पहल की थी, जिस पर 28 मार्च को इसके लिए सहमति दी और सुरक्षा बलों को कैंपों तक सीमित रखने और नए कैंपों की स्थापना पर रोक लगाते शांतिवार्ता के लिए उपयुक्त माहौल बनाने की शर्त रखी थी। इसके बाद उन्होंने एकतरफा एक महीने का युद्ध विराम की घोषणा भी की थी, लेकिन केंद्र सरकार नक्सलियों को खत्म करने पर आमादा है।
प्रदेश के सीएम ने की थी बात करने की घोषणा
नक्सलियों की तरफ से जारी पत्र में उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री के बयान कि नक्सलियों ने अब तक 40 हजार से ज्यादा आदिवासियों की हत्या कर दी है। वहीं कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा शांतिवार्ता की मांग के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। पत्र में नक्सलियों ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री ने नक्सलियों से बात करने की घोषणा की थी, लेकिन चुनाव जीतने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री ने नक्सलवाद का खात्मा करने की घोषणा कर दी। नक्सलियों ने कहा कि वे हमेशा ही शांतिवार्ता के लिए तैयार रहे, लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं है।
ये खबर भी पढ़िए...CG Top News : छत्तीसगढ़ की बड़ी खबरें
संघर्ष विराम में मुठभेड़ों में 85 नक्सलियों को मारा
बीजापुर जिले के करेंगुट्टा में सबसे ज्यादा दिनों तक चलने वाले नक्सल विरोधी ऑपरेशन समेत कई मुठभेड़ों में संघर्ष विराम की घोषणा के बावजूद 85 से ज्यादा नक्सली ढेर हुए। इनमें पीएलए कार्यकर्ता, सदस्य व नेता शामिल हैं। वहीं नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि संगठन के महासचिव गगना उर्फ बासवराजू समेत कई बड़े नेताओं को घेरकर ढेर किया गया है। जबकि कुछ को बीमारी की हालत में पकड़ा गया। उन्होंने आदिवासी ग्रामीणों को भी नक्सली बताकर उन्हें मारने का आरोप भी सुरक्षा बलों पर लगाया है। स्कूल के रसोइये का उदाहरण दिया है
राहुल-खड़गे से मिलकर केंद्र पर दबाव बनाने मांग
नक्सलियों ने पत्र के जरिए मांग की है कि वे अब भी शांतिवार्ता के लिए तैयार हैं। जस्टिस चंद्रकुमार व प्रो. हरगोपाल के नेतृत्व में शांतिवार्ता समिति ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उनसे युद्ध विराम का पालन करने और शांतिवार्ता के लिए अनुरोध भी किया। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मुलाकात कर तेलंगाना सरकार से युद्ध विराम की घोषणा कर केंद्र सरकार से शांतिवार्ता की मांग करने की पहल करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि तेलंगाना में भाजपा को छोड़कर सभी दल शांति वार्ता चाह रहे हैं।
ये खबर भी पढ़िए...फरार तोमर भाइयों पर कसा पुलिस का शिकंजा, संपत्ति कुर्क करने की तैयारी
CG Naxal News | cg naxal terror | Chhattisgarh Naxal | chhattisgarh naxal area | Chhattisgarh Naxalite active | Chhattisgarh Naxalite news | Chhattisgarh Naxalites | Chhattisgarh Naxal Movement | Chhattisgarh Naxal News