छत्तीसगढ़ में NSA के अधिकारों का विस्तार, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई के लिए कलेक्टरों को विशेष शक्तियां

छत्तीसगढ़ सरकार ने सामाजिक और सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने वाले तत्वों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई के अधिकारों का विस्तार किया है। गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।

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Krishna Kumar Sikander
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छत्तीसगढ़ सरकार ने सामाजिक और सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने वाले तत्वों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई के अधिकारों का विस्तार किया है। गृह विभाग ने इस संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को आदेश जारी कर उन्हें विशेष शक्तियां प्रदान की हैं।

यह कदम प्रदेश में शांति और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए उठाया गया है। गृह विभाग के आदेश के अनुसार, कलेक्टरों को 30 सितंबर 2025 तक एनएसए के तहत कार्रवाई करने का अधिकार होगा। इस निर्देश को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने राजपत्र में औपचारिक अधिसूचना भी प्रकाशित कर दी है।

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NSA के तहत सख्ती का मकसद

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए), 1980 एक कठोर कानून है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द को खतरे में डालने वाले व्यक्तियों के खिलाफ बिना मुकदमा चलाए हिरासत में लेने की अनुमति देता है। छत्तीसगढ़ में हाल के वर्षों में सांप्रदायिक तनाव और सामाजिक अशांति की घटनाओं को देखते हुए सरकार ने इस कानून का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है। गृह विभाग का कहना है कि सांप्रदायिक मेल-मिलाप को नष्ट करने, सामाजिक तनाव फैलाने या हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ अब त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।

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कलेक्टरों को विशेष अधिकार

गृह विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को एनएसए के तहत कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया है। यह अधिकार कलेक्टरों को उन व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने की शक्ति देता है, जो सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, सामाजिक अशांति फैलाने या सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं। कलेक्टर अब बिना किसी लंबी कानूनी प्रक्रिया के संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में ले सकते हैं, बशर्ते उनके पास पर्याप्त सबूत और आधार हों। यह विशेष शक्ति 30 सितंबर 2025 तक प्रभावी रहेगी, जिसके बाद इसकी समीक्षा की जाएगी।

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राजपत्र में अधिसूचना

गृह विभाग ने इस निर्णय को पारदर्शी और कानूनी रूप से मजबूत बनाने के लिए राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित की है। इस अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि कलेक्टरों को दी गई शक्तियां राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द की रक्षा के लिए हैं। सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि इन शक्तियों का उपयोग सावधानी और जिम्मेदारी के साथ किया जाए, ताकि निर्दोष व्यक्तियों को परेशानी न हो।

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प्रदेश में शांति बनाए रखने की कवायद

छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिक और सामाजिक तनाव की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार ने पहले भी कई कदम उठाए हैं। NSA के अधिकारों का विस्तार इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह निर्णय उन असामाजिक तत्वों को कड़ा संदेश देने के लिए लिया गया है, जो समाज में नफरत और हिंसा फैलाने की कोशिश करते हैं। साथ ही, यह कदम जिला प्रशासन को त्वरित कार्रवाई के लिए सशक्त बनाएगा, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति को और मजबूत किया जा सके।

क्या है NSA?

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत किसी व्यक्ति को बिना औपचारिक आरोप या मुकदमे के अधिकतम 12 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है, यदि वह राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा माना जाता है। इस कानून का उपयोग विशेष परिस्थितियों में किया जाता है, जैसे सांप्रदायिक हिंसा, आतंकी गतिविधियां या सामाजिक अशांति फैलाने की कोशिश। हालांकि, इसकी कठोर प्रकृति के कारण इसका उपयोग सावधानीपूर्वक और उचित आधार पर ही किया जाता है।

कानून का दुरुपयोग रोकने को नियमित समीक्षा 

गृह विभाग ने कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि वे NSA के तहत कार्रवाई करते समय स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियों के साथ समन्वय बनाए रखें। साथ ही, कार्रवाई से पहले ठोस सबूत और खुफिया जानकारी एकत्र की जाए। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस कानून का दुरुपयोग रोकने के लिए नियमित समीक्षा की जाएगी। छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम न केवल सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

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