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Jashpur. जशपुर जिले के सन्ना पंडरापाठ क्षेत्र में अब तीरंदाजी सीखने वाले युवाओं के लिए एक बड़ा मौका मिलने जा रहा है। यहां एनटीपीसी (NTPC) और जिला प्रशासन के बीच समझौता हुआ है जिसके तहत 20 करोड़ 53 लाख रुपए की लागत से तीरंदाजी अकादमी बनाई जाएगी। यह पूरा प्रोजेक्ट एनटीपीसी के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के तहत संचालित होगा।
समझौता मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगीचा में किया गया, जहां एनटीपीसी के अधिकारी और जिले के प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। इस अकादमी (CG archery academy) के बन जाने से स्थानीय युवाओं को तीरंदाजी की आधुनिक ट्रेनिंग, रहने-खाने और अभ्यास की बेहतरीन सुविधाएं एक ही जगह मिलेंगी।
युवाओं के लिए बड़ा अवसर
जशपुर और आसपास के इलाकों में तीरंदाजी को लेकर हमेशा से रुचि रही है। यहां के कई युवा राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करते आए हैं। जशपुर तीरंदाजी अकादमी के खुलने से अब इन खिलाड़ियों को ओलंपिक स्तर की ट्रेनिंग और संसाधन मिलेंगे, जिससे वे आगे बढ़ सकेंगे।
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10 एकड़ में बनेगी आधुनिक सुविधाओं से लैस अकादमी
यह अकादमी 10.27 एकड़ भूमि में तैयार की जाएगी। इसमें आउटडोर तीरंदाजी रेंज के साथ-साथ खिलाड़ियों के लिए छात्रावास, पुस्तकालय, चिकित्सा केंद्र, कौशल विकास केंद्र, हर्बल गार्डन और प्रशिक्षण मैदान जैसी सुविधाएं रहेंगी। इसके अलावा जैविक खेती और पौधरोपण के लिए भी विशेष व्यवस्था की जाएगी ताकि पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिले।
खेलों के विकास पर जोर
राज्य सरकार की ओर से खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए कई योजनाएं चल रही हैं। ओलंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को स्वर्ण के लिए 3 करोड़, रजत के लिए 2 करोड़ और कांस्य पदक विजेताओं को 1 करोड़ रुपए की इनाम राशि देने की घोषणा की गई है। राज्य में अब कई ‘खेलो इंडिया’ प्रशिक्षण केंद्र भी शुरू किए जा रहे हैं, खासकर जनजातीय इलाकों में, ताकि स्थानीय प्रतिभाओं को आगे लाया जा सके।
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नयी पीढ़ी के आर्चर्स तैयार करने की तैयारी
जशपुर की नई तीरंदाजी अकादमी न सिर्फ खेल प्रतिभाओं को निखारेगी बल्कि यह क्षेत्रीय युवाओं के लिए रोजगार और विकास का भी नया माध्यम बनेगी। परंपरागत तीरंदाजी को आधुनिक तकनीक से जोड़कर यहां से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार किए जाने का लक्ष्य है।
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