रायपुर . प्रदेश में मशरुम की तरह उगे नर्सिंग कॉलेजों की खाली सीटों के भरने के लिए सरकार ने नया ऑर्डर निकाल दिया है। इस ऑर्डर में कहा गया है कि अब पांच परसेंट नंबर पर भी नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन हो सकेगा। छत्तीसगढ़ में 150 नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इन कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग की 7721 सीटें हैं, जिसमें विभिन्न राउंड की काउंसिलिंग के बाद 2446 सीटों पर ही एडमिशन हो पाया था।
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प्रदेश में पहले से ही नर्सिंग कॉलेजों के संचालन को लेकर विवाद है। इनमें से 50 से ज्यादा ऐसे कॉलेज हैं जिनको इंडियन नर्सिंग काउंसिल से मान्यता नहीं मिली है। इनको छत्तीसगढ़ नर्सिंग काउंसिल ने मान्यता दी है। ऐसे कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट को दूसरे राज्यों में नौकरी करने की पात्रता नहीं होगी। इसके बाद भी सरकार को ऐसे नर्सिंग कॉलेजों की खाली सीटें भरने की चिंता सता रही है।
पांच नंबर लाओ- नर्स बन जाओ
व्यापमं की 100 अंकों की प्रवेश परीक्षा में महज पांच नंबर लाने वाली अभ्यर्थी भी नर्स बन सकेंगे। निजी नर्सिंग कालेजों में बीएससी नर्सिंग की खाली 4775 सीटों को भरने के लिए सरकार ने छत्तीसगढ़ नर्सिंग पाठ्यक्रम प्रवेश नियम 2019 की कंडिका क्रमांक 16, 17 में उल्लेखित अधिकार के तहत आदेश जारी कर दिया है।
भारतीय नर्सिंग काउंसिल ने करीब पांच साल पहले नर्सिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए न्यूनतम अंक का नियम बनाया था। जिस साल से नियम बना है, उसी साल से पात्र विद्यार्थियों का टोटा होने के तर्क के आधार पर अंतिम दिनों में नियम को शिथिल कर एडमिशन की प्रक्रिया पूरी की जाती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है।
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खाली सीटें भरने की चिंता
विभिन्न राउंड की काउंसिलिंग के बाद 2446 सीटों पर ही एडमिशन हो पाया था। बाकी बची 4775 सीटें निजी कॉलेजों से संबंधित हैं, जिस पर काफी कोशिशों के बाद संशोधित नियम के आधार पर एडमिशन के लिए शासन की ओर से चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा प्रवेश की अनुमति प्रदान की गई है।
जानकारी के अनुसार व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा बीएससी नर्सिंग की सौ अंकों की प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। पूर्व में पचास अंक तक लाने वालों को एडमिशन दिया जा रहा था। बुधवार को जारी किए गए आदेश के अनुसार अब केवल पांच नंबर भी लाने वाले एडमिशन के लिए पात्र माने जाएंगे। इससे निजी कॉलेजों के प्रबंधन ने राहत की सांस ली है।