OBC आरक्षण का बवाल हाईकोर्ट तक पहुंचा, सरकार के खिलाफ याचिका दायर
OBC Reservation Controversy : पहले कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन अब मामला कोर्ट तक जा चुका है। ओबीसी आरक्षण का मुद्दा लेकर एक शख्स ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
OBC Reservation Controversy : ओबीसी आरक्षण छत्तीसगढ़ में सरगर्मी बढ़ती ही जा रही है। पहले कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन अब मामला कोर्ट तक जा चुका है। ओबीसी आरक्षण का मुद्दा लेकर एक शख्स ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। मामले में उपाध्यक्ष ने राज्य सरकार के पंचायती राज अधिनियम में संशोधन को चुनौती दी है।
याचिका में उपाध्यक्ष ने कहा है कि सरकार ने अध्यादेश लाकर गंभीर चूक की है, जो औचित्यहीन और शून्य हो गया है। हालांकि, अभी याचिका पर सुनवाई तय नहीं हुई है। हाईकोर्ट इसकी जल्द सुनवाई हो सकती है। सूरजपुर ज़िला पंचायत के उपाध्यक्ष नरेश रजवाड़े ने अपने एडवोकेट शक्ति राज सिन्हा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें बताया गया कि राज्य शासन ने ओबीसी आरक्षण को कई जिलों में शून्य कर दिया है।
याचिकाकर्ता के मुताबिक, छत्तीसगढ़ सरकार ने पांचवी अनुसूची में शामिल जिलों में ओबीसी वर्ग को आरक्षण प्रदान करने वाली छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम की धारा 129(ड.) की उपधारा (03) को विलोपित कर दिया है। इसके सरकार ने पिछले साल 3 दिसंबर को छत्तीसगढ़ पंचायत राज (संशोधन) अध्यादेश -2024 लाया।
याचिका में कहा है कि, भारत के संविधान की अनुच्छेद 213 में दिए गए प्रावधान के तहत कोई भी अध्यादेश अधिकतम छह माह की अवधि तक ही क्रियाशील होता है या फिर विधान सभा के आगामी सत्र में अनिवार्य रूप से प्रस्ताव पारित कर अध्यादेश को अधिनियम का रूप दिलाना होता है। लेकिन, इसमें राज्य शासन ने ने गंभीर चूक की है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि यह अध्यादेश जारी होने के बाद छत्तीसगढ़ विधान सभा के सत्र दिनांक 16 जनवरी 2024 से 20 जनवरी 2024 तक में इस महत्वपूर्ण अध्यादेश को पारित नहीं कराया गया है। केवल इसे विधान सभा के पटल पर रखा गया है, जिसके कारण यह अध्यादेश वर्तमान में विधि-शून्य और औचित्यहीन हो गया है।
ऐसी स्थिति में वर्तमान में संशोधन के आधार छत्तीसगढ़ पंचायत निर्वाचन नियम (5) में 24 दिसंबर 2024 को किया गया संशोधन पूर्णतः अवैधानिक हो गया है। याचिका में इसे चुनौती देते हुए अध्यादेश को निरस्त करने की मांग की है।
ओबीसी आरक्षण का मुद्दा छत्तीसगढ़ में यह है कि राज्य सरकार ने ओबीसी वर्ग को कई जिलों में आरक्षण समाप्त कर दिया है। इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है, जिसमें संशोधन को चुनौती दी जा रही है।
राज्य सरकार ने किस धारा को विलोपित किया है?
राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम की धारा 129(ड.) की उपधारा (03) को विलोपित किया है, जिससे ओबीसी को कुछ जिलों में आरक्षण प्राप्त नहीं हो पा रहा है।
याचिकाकर्ता का क्या कहना है?
याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य सरकार ने अध्यादेश लाकर गंभीर चूक की है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने इस अध्यादेश को विधान सभा में पारित नहीं कराया, जिसके कारण यह विधि-शून्य और औचित्यहीन हो गया है।