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छत्तीसगढ़ में सरकार पर ब्यूरोक्रेसी भारी पड़ रही है। यहां तक कि अफसर अपने आपको मंत्रियों से बड़ा समझने लगे हैं। अफसरों की मनमानी इस कदर है कि कैबिनेट के फैसले के छह महीने बाद भी उस पर अमल नहीं हो रहा है। वहीं पूर्व आईएएस के भ्रष्टाचार का कच्चा चिट्ठा धीरे धीरे सामने आ रहा है। किस तरह साले की नीयत अपने भ्रष्टाचारी जीजा की संपत्ति पर बिगड़ गई। ऐसी ही अनसुनी खबरों के लिए पढ़िए द सूत्र का साप्ताहिक कॉलम सिंहासन छत्तीसी
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मंत्री पर भारी साहब
छत्तीसगढ़ की विष्णु सरकार में ब्यूरोक्रेसी के आगे किसी की नहीं चल रही। यहां तक कि कैबिनेट के फैसले को अफसर ठेंगा दिखा रहे हैं। 6 महीने पहले जिन आईएफएस अफसरों के प्रमोशन पर कैबिनेट ने मुहर लगाई हो वे आज तक नहीं हो पाए।
मंत्री ने नोटशीट पर टीप तक लिख दी फिर भी अफसरों के कानों पर जू नहीं रेंगी। इन अफसरों के बिना प्रमोशन के ही रिटायरमेंट के सिलसिला शुरू हो गया है।इन अफसरों की प्रमोशन की फाइल इस टेबल से उस टेबल पर घूम रही है।
लेकिन साहब हैं कि ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। मामला वन विभाग से जुड़ा हुआ है। प्रमोशन की राह देख रहे इन अफसरों में एक रिटायर हो चुके हैं और दो रिटायर होने वाले हैं। जब कैबिनेट कोई फैसला करती है तो उसका क्रियान्वयन तत्काल होता है। लेकिन ये छत्तीसगढ़ की ब्यूरोक्रेसी है जो सरकार के फैसले को भी ताक पर रख देती है।
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पूर्व आईएएस जीजा की जमीन पर बिगड़ी साले की नीयत
हम भी खेलेंगे, नहीं तो खेल बिगाड़ेंगे। कुछ यही हाल आईएएस रहे जीजा और उनके साले के बीच खेला गया। अब दोनों जेल में हैं। एक जिले के कलेक्टर रहे जीजा ने करोड़ों की जमीन खरीदीं। चूंकि खुद सरकारी अफसर थे इसलिए उन जमीनों को अपने साले के नाम कर दीं। जब जीजा रिटायर हुए तो उन्होंने साले से उन जमीनों की रजिस्ट्री अपने नाम करने को कहा लेकिन साला मुकर गया।
साले ने बहती गंगा में हाथ धो लिए और कहा कि वो जमीन उसके नाम हैं इसलिए वो उसकी हुईं। चूंकि साला जानता था कि यह जमीनें भ्रष्टाचार के पैसे से कमाई गई हैं इसलिए उसकी नीयत बिगड़ी और जमीनें वापस नहीं कीं।
साले से धोखा खाए जीजा को रिटायरमेंट के बाद एक और बड़ी पोस्ट मिल गई। उन्होंने यहां भी भ्रष्टाचार का धंधा शुरु कर दिया। अब जीजा और साला दोनों जेल में हैं। पीएससी के घोटाले में सीबीआई की जांच में ऐसी कई चीजें सामने आई हैं।
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दवाओं का खेल,अफसरों को होगी जेल !
दवा खरीदी के खेल में अब एसीबी और ईओडब्ल्यू के निशाने पर अफसर आ गए हैं। सालों से दवा कंपनी,स्वास्थ्य विभाग और छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन के अफसरों के गठजोड़ से दवा खरीदी का खेल कर अरबों रुपए का भ्रष्टाचार किया है। एसीबी के हाथ लगे दस्तावेजों में कार्पोरेशन और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के नाम हाथ लगे हैँ जिन्होंने दवा खरीदी में मोटा माल कमाया है।
अब अफसरों पर जेल जाने की तलवार लटक रही है। मोक्षित कार्पोरेशन के डायरेक्टर की गिरफ्तारी के बाद एसीबी अब ऐसे अफसरों के गिरेबान पर हाथ डालने जा रही है। घबराए अधिकारी अब अपनी जान बचाने इधर उधर गुहार लगाते नजर आ रहे हैं।
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज़ कॉर्पोरेशन लिमिटेड गड़बड़ी मामले में ACB और EOW की टीम ने रायपुर और दुर्ग जिले में छापेमारी की है। इसके अलावा हरियाणा के पंचकुला में करीब 8 टीम ने दबिश दी है। तीनों जगहों पर घर और दफ्तरों में दस्तावेजों की जांच चल रही है।
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