पहलगाम आतंकी हमला : 3 बार अल्लाह-अल्लाह चिल्लाया तब जाकर बची जान
Pahalgam terror attack : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल की शाम हजारों पर्यटक मौजूद थे। इसी बीच अचानक गोलियों की आवाज आई और चीख-पुकार मच गई।
Pahalgam terror attack : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल की शाम हजारों पर्यटक मौजूद थे। इसी बीच अचानक गोलियों की आवाज आई और चीख-पुकार मच गई। हर कोई अपनी जान बचाने इधर-उधर भाग रहा था। इसी बीच जिले के बांसकोट से पहलगाम अपने परिवार के साथ घूमने पहुंचे कैलाश सेठिया को भी आतंकियों ने पकड़ लिया और उस पर बंदूक तान दी।
जैसे ही कैलाश से आतंकियों ने उसके धर्म के बारे में पूछा, उसने घबराकर खुद को संभाला और कांपती हुई आवाज में तीन बार अल्लाह-अल्लाह चिल्लाया। इतना सुनते ही आतंकी ने उसे छोड़ दिया, लेकिन उसी समय उसके पास खड़े एक पर्यटक को आतंकवादी ने गोली मार दी। सारा कुछ पलक झपकते ही खत्म हो गया। इसके बाद कैलाश अपनी पत्नी व बच्चों को सुरक्षित जगह पर ले गया।
पहलगाम से लौटकर भास्कर से चर्चा करते कैलाश सेठिया ने बताया कि यदि उसने उस समय अल्लाह-अल्लाह नहीं चिल्लाया होता तो शायद उसका परिवार भी आतंकियों की गोलियों का शिकार हो गया होता। जो मंजर उसने वहां देखा है, उसे वह जीवनभर नहीं भूल पाएगा। कैलाश ने बताया कि आतंकियों ने किसी से कुछ नहीं पूछा, केवल धर्म पूछकर गोलियां बरसा रहे थे। कैलाश बताते हैं कि उनकी पत्नी व बच्चे आज भी सहमे हुए हैं।
पहल्गाम में हुए आतंकवादी हमले के दौरान कैलाश सेठिया ने क्या किया ताकि उसकी जान बच सके?
कैलाश सेठिया ने आतंकवादियों से धर्म के बारे में पूछे जाने पर घबराकर तीन बार "अल्लाह-अल्लाह" चिल्लाया, जिससे आतंकी ने उसे छोड़ दिया, लेकिन उसी समय पास खड़े एक पर्यटक को गोली मार दी।
कैलाश सेठिया के अनुसार आतंकवादियों का व्यवहार कैसा था और वे किस पर हमला कर रहे थे?
कैलाश सेठिया ने बताया कि आतंकवादियों ने किसी से कुछ नहीं पूछा, बल्कि केवल धर्म पूछकर गोलियां बरसाई थीं। उनका लक्ष्य धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाना था।
कैलाश सेठिया के परिवार पर इस हमले का क्या असर हुआ?
कैलाश ने बताया कि उनका परिवार आज भी इस हमले से सहमा हुआ है, और उस भयानक मंजर को वे कभी नहीं भूल पाएंगे।