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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में बढ़े तनाव के बीच भारत सरकार ने पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोक दिया था। अब दुर्ग जिले के धमधा के किसानों ने भेजा जाने वाला टमाटर रोक दिया है। आपरेशन सिंदूर को लेकर देशभर में इन दिनों जनजागरूकता अभियान चला रही है। धमधा के किसानों ने पाकिस्तान को एक मैसेज देने के लिए टमाटर पाकिस्तान भेजना बंद कर दिया है।
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छत्तीसगढ़ पकिस्तान को नहीं बेचेगी टमाटर
छत्तीसगढ़ प्रदेशभर में धमधा ब्लॉक में सबसे ज्यादा 9514 हेक्टेयर क्षेत्रफल में टमाटर लगाई जाती है। जिसमें सालाना 1.90 लाख मीट्रिक टन टमाटर की पैदावारी होती है। इस एरिया के 99 प्रतिशत किसान पाकिस्तान के लिए 1.10 लाख मीट्रिक टन टमाटर दलालों के माध्यम से भेजा करते थे। जिसे अब बंद कर दिया गया है।
केस - 1 धमधा ब्लॉक के डोमा पथरिया के किसान संदीप सोलंकी ने 16 एकड़ क्षेत्रफल में टमाटर की फसल ली है। वे बताते हैं कि वे लोकल टमाटर बेचते नहीं हैं। इनका टमाटर पाकिस्तान भेजा जा रहा था। आपरेशन सिंदूर के बाद उन्होने स्वयं से निर्णय लेकर इसे बंद किया। वे दीगर राज्यों में टमाटर भेज रहे हैं।
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केस - 2 धमधा ब्लॉक के कन्हारपुरी के किसान पोखराज टमाटर उत्पादन के बड़े किसान हैं। वे हर साल 30 एकड़ क्षेत्रफल में टमाटर की पैदावारी करते हैं। वे बताते हैं कि उनका टमाटर पहले पाकिस्तान तक भेजा जा रहा था। इन दिनों आसपास के राज्यों में टमाटर भेज रहे हैं।
केस - 3 धमधा ब्लॉक के पथरिया के किसान लीमन साहू ने 13 एकड़ में टमाटर उत्पादन करते हैं। वे बताते हैं कि लोकल में टमाटर नहीं बेचते। टमाटर एजेंटों के माध्यम से उनका टमाटर पाकिस्तान तक जाता था। इन दिनों उसे बंद कर दिया है। उनका संकल्प है कि वे आगे भी पाकिस्तान के लिए टमाटर नहीं देंगे। किसानों की पहल बनी मिसालदुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक टमाटर की बंफर पैदावारी के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश में विख्यात है। यहां खास किस्म की टमाटर भी होती है जो टिकाऊ होती है। मौसम की मार भी सहन करने की क्षमता होती है। इसलिए पाकिस्तान व बांग्लादेश तक इसकी डिमांड है और यहां से ट्रांसपोट्रिग होती रही है। किसानों ने पाकिस्तान टमाटर नहीं भेजने का जो संकल्प लिया है वह देश के लिए मिसाल है।
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इस तरह जाता है धमधा का टमाटर पाकिस्तान
किसानों के मुताबिक, टमाटर की ट्रांसपोट्रिंग राष्ट्रीय एजेंटों के माध्यम से होता आ रहा है। रायपुर राजधानी में ऐसे एजेंट होटलों में आकर रुकते हैं। ये एजेंट लोकल एजेंटों के संपर्क में होते हैं और वे किसानों तक पहुंचते हैं। सौदा तय होने के बाद टमाटर बाड़ियों में ट्रकें लगाई जाती है। ट्रकें पहले कलक्ता, गोरखपुर, नेपाल तक जाती है। यहां से पाकिस्तान तक पहुंचाया जाता है।
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संकल्प लेने के बाद यहां भेज रहे टमाटरपथरिया के किसान लीमन साहू, डोमा के किसान संदीप सोलंकी, भाठाकोकड़ी के किसान नेतराम, कन्हारपुरी के पोखराज, अलखूराम, परसुली के किसान लालाराम, रमेश, घोठा के किसान रामाधार, रामावतार, तुमाखुर्द के थानू पटेल सहित सैकड़ों किसान हैं जो टमाटर पाकिस्तान नहीं भेजने का संकल्प लिया है। वे बताते हैं कि टमाटर की पैदावारी हर साल करते हैं। इन किसानों ने बताया कि टमाटर की खपत नागपुर, नासिक, उत्तरप्रदेश, नोएडा, दिल्ली, आंध्रप्रदेश के व्यापारियों को बेचा जा रहा है। यहां के किसान वर्तमान में 200 रुपए प्रति कैरेट के हिसाब से टमाटर खरीदकर ले जा रहे हैं।
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