सियासी उबाल : जानिए महादेव जूस से महादेव सट्टा ऐप तक का सफर

छत्तीसगढ़ में एक बार फिर महादेव सट्टा ऐप तूल पकड़ने लगा है। प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ महादेव सट्टा एप मामले में FIR दर्ज होने के बाद, बीजेपी लगातार कांग्रेस पर राजनीतिक तंज कस रही है। आइए जानते हैं आखिर इस एप की शुरूआत कैसे हुई थी...

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Sandeep Kumar
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महादेव सट्टा ऐप

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RAIPUR. छत्तीसगढ़ में अब महादेव सट्टा ऐप ( Mahadev Satta APP ) केस बड़ा सियासी मुद्दा बन चुका है। दरअसल प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ( Former CM Bhupesh Baghel ) के खिलाफ महादेव सट्टा एप मामले में FIR दर्ज होने के बाद, कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी ( BJP ) लगातार हमलावर है। वहीं कांग्रेस कह रही है कि प्रदेश की साय सरकार के काल में सट्‌टे का काम अब भी चल रहा है। आपको बताते चलें कि रविवार को सट्‌टा केस में कांग्रेस नेता और प्रदेश के पूर्व CM भूपेश बघेल के नाम पर FIR दर्ज होने के बाद सियासी बवाल शुरू हो गया।

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कांग्रेस बोली ये बीजेपी की साजिश

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जब चुनाव आता है बीजेपी अपने ईडी के माध्यम से कांग्रेस नेताओं के खिलाफ षड्यंत्र करती है। लोकसभा चुनाव तय पराजय से हताश बीजेपी के इशारे पर ईडी (ED ) और ( EOW ) ईओडब्लू ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कि छवि खराब करने के लिए उनके खिलाफ महादेव ऐप मामले में झूठा मुकदमा दर्ज किया है।

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महादेव जूस से महादेव सट्टा ऐप तक का सफर

महादेव ऐप का फाउंडर सौरभ चंद्राकर बेहद सामान्य परिवार से आता है। साल  2018 से पहले वह भिलाई में रहता था और ‘महादेव जूस सेंटर’ चलाता था।  उस समय उसे ऑनलाइन ऐप्स पर सट्टा खेलने का शौक लग गया और इसी बीच 10 से 15 लाख रुपए का घाटा कर लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महादेप ऐप का को-फाउंडर रवि उप्पल भी सौरभ का पुराना दोस्त है।  उसने भी कई छोटे-मोटे काम किए। उसे भी सौरभ की तरह जुआ खेलने का शौक था और वो भी 10 लाख रुपए के नुकसान में था। फिर दोनों दुबई गए और किसी तरह पैसे जुटाने में सफल रहे।  इसके बाद दोनों ने मिलकर खोली ‘महादेव बुक ऐप’। सौरभ चंद्राकर ने इसका नाम अपने छत्तीसगढ़ के भिलाई वाले जूस सेंटर के नाम पर ही रखा। इस ऐप को डेवलप करने का काम भारतीय और यूरोपीय कोडर्स ने किया। इसे 2020 में लॉन्च किया गया। फिर दोनों ने मिलकर इस ऐप के 2,000 से ज्यादा सेंटर खोले।

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महादेव ऐप का ऐसे फैला कारोबार

सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने ‘महादेव ऐप’ का कारोबार फैलाने के लिए कमीशन मॉडल अपनाया, जो भी लोग ऐप पर सट्टा खिलाने का सेंटर चलाते, उन्हें कलेक्शन के हिसाब से कमीशन मिलता। ईडी की जांच में कहा गया है कि सेंटर्स पर भारी संख्या में कलेक्ट होने वाला कैश हवाला नेटवर्क के माध्यम से दुबई भेजा जाता था। इसमें दाऊद इब्राहीम की गैंग के आदमी उनकी मदद करते थे।

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ऐप लोगों को ऑफर करता गेम्स

महादेव बुक ऐप पर कई तरह के गेम्स लोगों को ऑफर किए जाते, इसमें पोकर, कार्ड गेम, चांस गेम, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल और क्रिकेट शामिल है। कार्ड गेम में लोगों को तीन पत्ती, पोकर और ड्रैगन टाइगर जैसे गेम्स दिए जाते। ये ऐप क्लोज ग्रुप के रूप में चलती। 

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