journalist Mukesh Chandrakar murder case : पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में सियासत तेज हो गई है। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हो रहे हत्याकांडों में कांग्रेस नेताओं का नाम क्यों आता है। क्या ये सब साजिश के तहत हो रहा है। शर्मा ने कहा कि मुकेश चंद्राकर की हत्या का मुख्य सरगना कांग्रेस नेता सुरेश चंद्राकर है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी नेता हद से नीचे गिर गए हैं और इस मामले पर राजनीति कर रहे हैं। जब मुकेश ने बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार के मामले को उजागर किया तो उसकी हत्या कर दी गई। वहीं प्रियंका गांधी ने भी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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एक महीने के अंदर पेश होगा चालान
बीजेपी के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में कहा है कि एक महीने के अंदर चालान पेश किया जाएगा और मामले को फास्ट ट्रेक कोर्ट में चलाया जाएगा। सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। शर्मा ने कहा कि इस मामले का मुख्य सरगना कांग्रेस नेता सुरेश चंद्राकर है। सुरेश चंद्राकर की गिरफ्तारी के लिए चार अलग अलग टीमें बनाई गई हैं।
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सुरेश चंद्राकर के बैंक खाते सीज किए गए हैं और अवैध कंस्ट्रक्शन पर कार्रवाई की जा रही है। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं की इसमें संलिप्तता है। सुरेश चंद्राकर जिले का पदाधिकारी है। विजय शर्मा ने कहा कि बलौदा बाजार की घटना हो या फिर सूरजपुर में पुलिसकर्मी के परिजनों की हत्या का मामला, इन सभी में कांग्रेस नेताओं का हाथ रहा है। विजय शर्मा ने सवाल उठाया कि आखिर हर हत्याकांड में कांग्रेस के नेता ही शामिल क्यों होते हैं। क्या यह साजिश के तहत हो रहा है।
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बीजेपी ने एक पत्र जारी कर कहा कि कांग्रेस इस मामले पर राजनीति कर रही है जबकि मुकेश चंद्राकर का कांग्रेस ने बहिष्कार कर रखा था। शर्मा ने कहा कि भ्रष्टाचार का मामला 25 दिसंबर को उजागर हुआ था और उसी दिन सरकार ने जांच टीम बना दी थी। सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने पर भी विचार करेगी। मुकेश के परिजनों को आर्थिक सहायता पर भी सरकार संवेदनशीलता के साथ विचार कर रही है।
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सुरेश चंद्राकर बीजेपी के नेता
वहीं भूपेश बघेल ने बीजेपी पर पलटवार किया है। बघेल ने कहा कि मैंने सोचा था कि स्व. मुकेश चंद्राकर जी के मामले में न्याय मिलने तक इस पर राजनीतिक बयानबाजी नहीं होनी चाहिए। लेकिन भाजपा नेताओं के हद से अधिक गिर जाने पर मुझे कहना पड़ेगा कि…प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव, जिनके पास ही PWD विभाग भी है, इतने ताकतवर हो गए हैं कि उनके PWD विभाग में हुए बड़े सड़क घोटाले को जब पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने उजागर किया तो उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया।
इसी PWD विभाग में जब आचार संहिता के दौरान पुल निर्माण का मामला विधानसभा में वरिष्ठ कांग्रेस विधायक कवासी लखमा द्वारा उठाया गया तो दस दिन बाद उनके घर ED भेज दी गई। सत्य यही है…और साबित भी हो रहा है कि -अब तो यह स्पष्ट है,अरुण साव भ्रष्ट है। बघेल ने कहा कि मुझे आज भी वो दिन याद है जब नक्सलियों के कब्जे से हमारी कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को नक्सलियों के चंगुल से रिहा कराने वाली मध्यस्थ टीम मुख्यमंत्री निवास रायपुर में मुझसे भेंट करने आयी थी।
साहसी पत्रकार मुकेश चंद्राकर उस मध्यस्थ टीम के प्रमुख सदस्य थे। उनके साहस के लिए मैंने उनकी पीठ थपथपाई थी। मुकेश के साथ जो हुआ है, वह बेहद दुर्भाग्यजनक है. सिर्फ शब्दों से निंदा कर देने से क्षति और असुरक्षा का समाधान नहीं हो सकता। ना ही इस विषय पर कोई राजनीतिक टिप्पणी करना चाहूँगा। सरकार से अनुरोध है कि त्वरित जाँच हो, दोषियों पर कार्रवाई हो और ऐसी नज़ीर पेश हो कि अपराधियों में संदेश जाए। साथ ही मुकेश के परिवार का ध्यान रखने के लिए सरकार को आर्थिक सहायता, नौकरी पर भी निर्णय लेना चाहिए।
भूपेश बघेल ने आरोप लगाया है कि सुरेश चंद्राकर बीजेपी का सदस्य है। उन्होंने सीएम हाउस की पिछले 15 दिन की सीसीटीवी कैमरे की फुटेज दिखाने के लिए भी कहा है।
भ्रष्टाचार के खुलासे पर हत्या : प्रियंका गांधी
इस मामले में प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर इसे बेहद गंभीर मामला बताया है। प्रियंका गांधी ने कहा कि बस्तर, छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर जी की हत्या का समाचार स्तब्ध करने वाला है। खबरों के मुताबिक, मुकेश जी ने अपनी रिपोर्ट में भ्रष्टाचार का खुलासा किया था जिसके बाद उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई।
मेरी राज्य सरकार से मांग है कि इस मामले में सख्त और त्वरित कार्रवाई हो, दोषियों को कड़ी सजा मिले और दिवंगत के परिजनों को उचित मुआवजा एवं नौकरी पर विचार किया जाए। विनम्र श्रद्धांजलि।
मुकेश ने नक्सलियों से कराई थी कोबरा कमांडो की रिहाई
मुकेश चंद्राकर नक्सलियों और सरकार के बीच कई मामलों में मध्यस्थ का काम भी करत थे। नक्सलियों के कब्जे से कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को नक्सलियों के चंगुल से रिहा कराने वाली मध्यस्थ टीम में वे भी शामिल थे। जवान को रिहा कराने में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है। मुकेश एक दशक से बस्तर,नक्सली मुठभेड़ और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर खोज परख रिपोर्टिंग कर रहे थे। उन्होंने भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर भी किया है। वे बस्तर जंक्शन नाम का यूट्यूब चैनल भी चलाते थे। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि वे भी मुकेश से नक्सल समस्या के संबंध में सुझाव लिया करते थे।