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बिलासपुर। प्राचार्यों की पदोन्नति की फाइल शिक्षा विभाग के पास अटकी है। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच की ओर से स्टे लगाने के कारण सरकार आगे की प्रक्रिया को पूरी नहीं कर पा रही है। हालांकि डिवीजन बेंच ने शासन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
सिंगल बेंच में लगी थी याचिका
डिवीजन बेंच के फैसले के बाद सरकार ने राहत की सांस ली थी। लेकिन ठीक इसी तरह की एक याचिका सिंगल बेंच में भी लगी थी। जिसकी सुनवाई के बाद सिंगल बेंच ने पदोन्नति आदेश पर आगामी फैसले तक रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ता के वकीलों ने डिवीजन बेंच की ओर से आदेश पर रोक लगाने की जानकारी दी थी। महाधिवक्ता के दफ्तर के विधि अधिकारियों की ओर से सिंगल बेंच में डिवीजन बेंच के फैसले की जानकारी ना देने के कारण प्रमोशन की फाइल अब भी अटकी है।
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देनी होगी ये जानकारी
नारायण प्रकाश तिवारी की याचिका पर सुनवाई के लिए 8 जुलाई को जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की सिंगल बेंच में मामला लगा हुआ था। राज्य सरकार की ओर से डिवीजन बेंच के फैसले को मेंशन ना किए जाने की वजह से सुनवाई आगे टल गई। शिक्षक संगठन से जुड़े पदाधिकारियों की मानें तो अगली सुनवाई के दौरान राज्य शासन को सिंगल बेंच के सामने डिवीजन बेंच के आदेश की कॉपी के साथ जानकारी देनी होगी ।
सरकार के नियम को ठहराया सही
डिवीजन बेंच ने प्राचार्य के प्रमोशन से संबंधित सभी आधा दर्जन याचिकाओं को खारिज करने के साथ ही सरकार के नियम और मापदंडों को सही ठहराया है। डिवीजन बेंच की फैसले की जानकारी के बाद ही सिंगल बेंच अपना फैसला सुनाएगा। इसके बाद ही प्राचार्य पदोन्नति का रास्ता साफ होगा।
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जारी है प्रमोशन का प्रयास
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि प्राचार्य पदोन्नति में कोर्ट के स्टे पर शिक्षा विभाग के फैसला करने वाले अधिकारी से संवाद किए हैं। उन्होंने कहा है कि शिक्षा विभाग प्रिंसिपल के प्रमोशन के लिए सजग है। वे सभी गतिविधि से वाकिफ हैं। इसके साथ ही प्रमोशन जल्द हो इसका प्रयास जारी है।
कर्मचारियों ने किया था प्रदर्शन
स्कूल शिक्षा विभाग में प्राचार्य के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 4690 है, जिसमें वर्तमान में 1430 प्राचार्य कार्यरत हैं। प्रमोशन के कुल 3224 पद पिछले कई साल से खाली हैं। स्कूल शिक्षा में साल 2016 एवं आदिम जाति कल्याण विभाग जो कि अब स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन है। उसमें साल 2013 में आखिरी बार प्रमोशन हुए थे।
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कर्मचारियों ने किया था प्रदर्शन
बीते 10 साल से प्रिंसिपल की की पदोन्नति नहीं होने के कारण चार संगठनों ने प्राचार्य पदोन्नति फोरम का गठन करते हुए 17 दिसंबर 2024 को इंद्रावती एवं महानदी भवन के सामने प्रदर्शन कर पदोन्नति के लिए दबाव बनाया था।
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इन्हें भी मिलना चाहिए फायदा
प्राचार्य पदोन्नति फोरम ने स्कूल शिक्षा विभाग से मांग की है कि जिनका नाम 30 अप्रैल को जारी पदोन्नति आदेश में शामिल है, अगर वो रिटायर हो गए हों तो भी उन्हें प्राचार्य पदोन्नति का लाभ देना चाहिए। फोरम की ओर से प्राचार्य पदोन्नति के लिए सीएम विष्णुदेव साय और सचिव स्कूल शिक्षा और संचालक लोक शिक्षण के प्रति आभार जताया है।
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