CG के नेताओं को नहीं जोड़ पाई राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा'

8 फरवरी की दोपहर करीब 12 बजे चिलचिलाती धूप में सफेद टी-शर्ट पहने हुए राहुल गांधी ने लाल जीप में बैठकर ओडिशा के गांव रेंगालपाली से छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया।

Advertisment
author-image
Pooja Kumari
New Update
Rahul Gandhi
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

RAIPUR. विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पिछले दिनों छत्तीसगढ़ पहुंची। इस यात्रा ने प्रदेश की 11 में से 4 लोकसभा सीटों को टच किया। कांग्रेस के नेताओं का दावा है कि यात्रा गैर-राजनीतिक है, लेकिन जाति जनगणना, किसान, मोदी और बीजेपी ही छाए रहे। बता दें कि इस दौरान छत्तीसगढ़ में इसके कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। कांग्रेस ने यहीं अपनी पहली गारंटी MSP का ऐलान भी किया। बताया जा रहा है कि इस बीच लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी को एकजुट करने की कोशिश नाकामयाब होती दिखाई दी।

यह खबर भी पढ़ें - 127 निजी स्कूल, 250 मदरसे RTE दायरे से बाहर, CG विधानसभा में मंत्री ने दिया लिखित जवाब

8 फरवरी राहुल पहुंचे छत्तीसगढ़ 

बता दें कि 8 फरवरी की दोपहर करीब 12 बजे चिलचिलाती धूप में सफेद टी-शर्ट पहने हुए राहुल गांधी ने लाल जीप में बैठकर ओडिशा के गांव रेंगालपाली से छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया। ऐसे में अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में यात्रा का स्वागत कुछ फीका दिखाई दिया। हार के बाद प्रदेश के नेताओं के लिए ये बड़ा मौका था, जब वे अपनी जमीनी पकड़ और ताकत पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को दिखा सकते थे। बावजूद इसके रेंगालपाली में सभा स्थल के आस-पास दीवारों पर लिखे नारों को लेकर समर्थक आपस में भिड़ गए। यहां तक कि कई दीवारों पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल का नाम भी मिटा दिया गया है। कहा जा रहा है कि रातों रात दीवारों पर से पूर्व सीएम की जगह पूर्व मंत्री उमेश पटेल जिंदाबाद के नारे लिख दिए गए। इसके अलावा भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव के नाम पर भी काला पेंट लगा दिया गया। इस विवाद के बाद भूपेश बघेल ने रायगढ़, खरसिया और सक्ति में यात्रा से दूरी बना ली।

यह खबर भी पढ़ें - छत्तीसगढ़ के सरकारी मास्टर को भेजा राम मंदिर की सेवा करने...

ये नेता रहे राहुल गांधी के साथ 

बता दें कि यात्रा के दौरान उमेश पटेल, चरणदास महंत और जयसिंह अग्रवाल राहुल के साथ लंबे समय तक दिखाई पड़े। वहीं यात्रा के कोरबा शहर पार होने के बाद हसदेव बैराज से भूपेश ने जॉइन किया और सरगुजा में टीएस सिंहदेव शामिल हुए। यानी सभी शीर्ष नेताओं को साथ रहने का मौका दिया। राम मंदिर, हिंदुत्व और मोदी की गारंटी के सामने राहुल गांधी ने जातीय जनगणना के जरिए सामाजिक न्याय को लोकसभा के लिए बड़ा मुद्दा बनाकर पेश करने की कोशिश की। OBC, दलित और आदिवासी वर्ग को ये बताने की कोशिश की गई कि बड़ी आबादी होने के बाद भी उन्हें उनका हक नहीं मिला।

यह खबर भी पढ़ें - शराब घोटाले के आरोपी अरुण पति त्रिपाठी को जमानत, 9 महीने से थे जेल में

Ex आर्मी मैन ने राहुल गांधी के बारे में क्या कहा 

राहुल गांधी ने जहां भी जनसभा की, वहां अपने साथ बच्चों, मजदूर, एक्स आर्मी मैन और आदिवासियों को साथ बिठाया। मीडिया से लेकर कॉर्पोरेट सेक्टर में OBC, दलित और आदिवासी वर्ग को दरकिनार करने की बात कहकर पूंजीपतियों पर निशाना साधा। इसके चलते राहुल ने लोगों से जुड़ाव बनाने की कोशिश की और बहुत हद तक इसमें कामयाब भी रहे। हालांकि छत्तीसगढ़ में भारत जोड़ो न्याय यात्रा केवल बिलासपुर और सरगुजा के ही कुछ इलाकों में गई। कोरबा में यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ बैठे Ex आर्मी मैन ने कहा कि वे जरूर प्रधानमंत्री बनेंगे। इसके कुछ देर बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उनसे जब कांग्रेस में PM पद के चेहरे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने अपने हाथ आगे बढ़ा दिया। जयराम रमेश ने हाथ का पंजा दिखाते हुए कहा कि, चुनाव में कांग्रेस का यही चेहरा। उन्होंने कहा कि देश में चुनाव कोई ब्यूटी कॉन्टेस्ट नहीं है। चुनाव पार्टियों के बीच लड़ा जाता है, ना कि व्यक्तियों के बीच। उनका बयान ये बता रहा है कि राहुल PM का चेहरा बताने से कांग्रेस बच रही है।

यह खबर भी पढ़ें - CG में बेरोजगार युवाओं के लिए सुनहरा अवसर, 826 पदों पर भर्ती

राहुल की यात्रा ने भरी एक नई ऊर्जा 

विधानसभा में मिली हार के बाद बिखरी नजर आ रही पार्टी को राहुल की यात्रा ने एक नई ऊर्जा दी। हालांकि राहुल खुद कार्यकर्ताओं से नहीं मिले। जबकि यात्रा के पहले फेज में कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर उनके साथ तस्वीरें साझा कर रहे थे। तब यात्रा को लेकर माहौल बनाने में कार्यकर्ताओं की बड़ी भूमिका थी। ऐसे में छत्तीसगढ़ में अपने नेता के साथ यात्रा में शामिल होने बड़ी संख्या में प्रदेश भर से पहुंचे कार्यकर्ताओं को निराशा हाथ लगी। पूरी यात्रा के दौरान राहुल की यह शिकायत रही कि मीडिया उनकी बातों को नहीं दिखाता। इसे लेकर उन्होंने बार-बार मीडिया पर आरोप लगाए और सवाल भी खड़े किए। राहुल जब हसदेव प्रभावितों, किसानों और अलग-अलग वर्गों से बात कर रहे थे, तो मीडिया को जाने नहीं दिया गया। इसकी एक बड़ी वजह राहुल की PR टीम की प्रदेश कांग्रेस की मीडिया टीम के साथ कोऑर्डिनेशन में कमी भी रही।

राहुल ने किया MSP का ऐलान

दिल्ली में किसान आंदोलन चल रहा है। ऐसे में अंबिकापुर में मंच से MSP का ऐलान कर राहुल ने बताया कि किसानों के मुद्दे को लेकर कांग्रेस फ्रंट फुट पर खेलने की तैयारी में है। वहीं छत्तीसगढ़ हारने के बाद भी ऐलान ये बताता है कि सियासी तौर पर कांग्रेस के लिए ये राज्य कितना महत्वपूर्ण है। राहुल गांधी की पूरी यात्रा लोकसभा चुनाव के लिए ही है। जाहिर तौर पर पार्टी इसका फायदा लेना चाहेगी, लेकिन जो इम्पैक्ट पड़ना चाहिए, वो छत्तीसगढ़ में नहीं दिखा। राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा के पहले चरण में जिस तरह तरह का जोश, उत्साह, उमंग छत्तीसगढ़ ने दिखाया था, इस बार वैसा नहीं है। 

राहुल गांधी छत्तीसगढ़