रायपुर में तोमर बंधु की तलाश में पांच राज्यों में छापेमारी, जीएसटी चोरी और सूदखोरी के आरोपों में उलझा कुख्यात गिरोह

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कुख्यात हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र और रोहित तोमर की तलाश में पुलिस ने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में स्थित ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर दी है।

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Krishna Kumar Sikander
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Raids conducted in five states in search of Tomar brothers in Raipur the sootr
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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कुख्यात हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं वीरेंद्र और रोहित तोमर के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई ने अब राष्ट्रीय स्तर पर तूल पकड़ लिया है। भाठागांव में उनके अवैध ऑफिस पर 27 जुलाई 2025 को नगर निगम और जिला प्रशासन द्वारा बुलडोजर से ध्वस्तीकरण के बाद, पुलिस ने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, और मध्य प्रदेश में उनके ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू की है।

क्राइम ब्रांच और थाना पुलिस की 20 सदस्यीय विशेष टीम इस ऑपरेशन को अंजाम दे रही है, जिसमें 120 से अधिक मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल्स खंगाली गई हैं। इस बीच, गृहमंत्री विजय शर्मा ने दोनों भाइयों को किसी भी तरह के राजनीतिक संरक्षण से इनकार किया है, लेकिन विपक्ष और स्थानीय लोगों के बीच यह आरोप जोर पकड़ रहा है कि उनकी गतिविधियों को लंबे समय तक संरक्षण मिलता रहा। 

साथ ही, भाइयों पर पीएम सड़क परियोजनाओं से जुड़ी जीएसटी चोरी और रायपुर, दुर्ग-भिलाई, रायगढ़ से मध्य प्रदेश तक बिना जीएसटी चुकाए सरिया सप्लाई के गंभीर आरोपों ने मामले को और जटिल बना दिया है।

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भाठागांव में बुलडोजर एक्शन, अवैध साम्राज्य पर प्रहार

27 जुलाई 2025 को रायपुर के भाठागांव में तोमर बंधुओं के शुभकामना वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड नामक ऑफिस को नगर निगम और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने बुलडोजर से जमींदोज कर दिया। यह ऑफिस, जो रोहित तोमर की पत्नी भावना तोमर के नाम पर संचालित था, सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग, और अन्य अवैध गतिविधियों का केंद्र माना जाता था।

नगर निगम के अनुसार, इस ऑफिस का निर्माण बिना स्वीकृत नक्शे और नियमों का उल्लंघन करते हुए किया गया था। कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल, जिसमें विशेष पुलिस टीम ‘प्रहरी’ शामिल थी, मौके पर तैनात रहा। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस कार्रवाई को "सुशासन का सुदर्शन चक्र" करार देते हुए कहा, “किसी भी अपराधी को, चाहे वह कितने ही बड़े नेताओं के साथ फोटो खिंचवाए, कानून से छूट नहीं मिलेगी।

भाइयों ने कई लोगों को कर्ज के जाल में फंसाकर पीड़ा दी है।” डिप्टी सीएम अरुण साव ने भी टिप्पणी की, “विपक्ष में रहते हुए हमने अपराधियों के खिलाफ आवाज उठाई थी, और अब सत्ता में रहते हुए बुलडोजर से जवाब दे रहे हैं।”

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पांच राज्यों में छापेमारी, आपराधिक नेटवर्क पर शिकंजा

बुलडोजर कार्रवाई के बाद पुलिस ने दोनों भाइयों के खिलाफ कार्रवाई को और तेज कर दिया। क्राइम ब्रांच और थाना पुलिस की 20 सदस्यीय विशेष टीम ने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, और मध्य प्रदेश में उनके ठिकानों पर छापेमारी शुरू की। पुलिस को शक है कि वीरेंद्र और रोहित तोमर उत्तर प्रदेश में छिपे हैं और नेपाल भागने की योजना बना रहे हैं। 

जून 2025 में हुई एक छापेमारी में उनके करीबी सहयोगियों रविंदर सिंह और ऋषभ सिंह के ठिकानों से 40 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के दस्तावेज, 3.5 करोड़ का सोना, 10 लाख की चांदी, और 8 लाख रुपये नकद बरामद हुए थे। पुलिस ने 120 से अधिक मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल्स खंगाली हैं, जिनसे भाइयों के आपराधिक नेटवर्क, उनके सहयोगियों, और उनके वित्तीय लेनदेन का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। 

जून 2025 में एक अन्य छापेमारी में 35 लाख रुपये नकद, 734 ग्राम सोना, बीएमडब्ल्यू और थार जैसी महंगी कारें, 70 ब्लैंक चेक, और 150 से अधिक रजिस्ट्री दस्तावेज जब्त किए गए थे। इन दस्तावेजों की जांच के लिए आयकर और राजस्व विभाग को भी शामिल किया गया है।

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जीएसटी चोरी और सरिया सप्लाई का घोटाला

दोनों भाइयों पर पीएम सड़क परियोजनाओं से जुड़े टैक्स चोरी के गंभीर आरोप लगे हैं। जांच में पता चला है कि रायपुर, दुर्ग-भिलाई, और रायगढ़ के औद्योगिक क्षेत्रों से मध्य प्रदेश तक बिना जीएसटी चुकाए सरिया सप्लाई की जा रही थी। फर्जी बिलों और दस्तावेजों के जरिए यह गिरोह जीएसटी चोरी कर रहा था, जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान हुआ। यह अवैध कारोबार उनके शुभकामना वेंचर्स के तहत संचालित हो रहा था, जिसे पुलिस ने "सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग का अड्डा" करार दिया है।

सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग का काला कारोबार

वीरेंद्र और रोहित लंबे समय से रायपुर में सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग, धमकी, और अवैध कब्जों के लिए कुख्यात रहे हैं। पुलिस को अब तक 12 से अधिक शिकायतें मिली हैं, जिनमें एक पीड़ित ने बताया कि उसने 10 लाख रुपये का कर्ज लिया था, लेकिन ब्याज सहित 1 करोड़ 10 लाख रुपये चुकाने पड़े। उनकी पत्नियां भावना और शुभ्रा सिंह अवैध धंधे में शामिल थीं। 

भावना को जून 2025 में और शुभ्रा को मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी के मामले में हिरासत में लिया गया था। 31 मई 2025 को प्रॉपर्टी डीलर दशमीत चावला पर हत्या के प्रयास के मामले में तेलीबांधा थाने में केस दर्ज होने के बाद दोनों भाई फरार हो गए थे। पुलिस का दावा है कि दोनों भाइयों ने कई लोगों को कर्ज के जाल में फंसाकर उनकी संपत्तियां हड़प लीं और ब्लैकमेलिंग के जरिए धमकाया।

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राजनीतिक संरक्षण का विवाद

गृहमंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट किया कि दोनों भाइयों को किसी भी तरह का राजनीतिक संरक्षण नहीं मिला है, लेकिन विपक्ष और स्थानीय लोगों के बीच यह आरोप जोर पकड़ रहा है। वीरेंद्र के कई बड़े नेताओं, मंत्रियों, और विधायकों के साथ पोस्टर शहर में देखे गए थे, जिसके कारण कर्ज लेने वाले लोग उनसे डरते थे और शिकायत करने से कतराते थे। 

विपक्ष का दावा है कि इतने गंभीर अपराधों के बावजूद दोनों भाइयों को अब तक सजा न मिलना राजनीतिक संरक्षण की ओर इशारा करता है। कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने इस मामले को “सत्ता के दुरुपयोग” का उदाहरण बताया, जबकि भाजपा ने इसे “कांग्रेस शासनकाल की देन” करार दिया।

बुलडोजर जस्टिस, विवाद और कानूनी सवाल

दोनों भाइयों के ऑफिस पर बुलडोजर कार्रवाई ने छत्तीसगढ़ में “बुलडोजर जस्टिस” की बहस को फिर से हवा दे दी है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बुलडोजर का उपयोग अपराधियों और अवैध निर्माणों के खिलाफ एक प्रतीक के रूप में उभरा है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार कहा है कि किसी भी व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामले में दोषी सिद्ध होने से पहले उसकी संपत्ति को ध्वस्त करना गैरकानूनी है। रायपुर में दोनों भाइयों के ऑफिस को अवैध निर्माण के आधार पर गिराया गया, लेकिन विपक्ष ने इसे “प्रतिशोध की कार्रवाई” करार दिया है।

सरकार और पुलिस का रुख

गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “यह कार्रवाई केवल पहला कदम है। आगे और बड़ी कार्रवाइयां देखने को मिलेंगी।” पुलिस ने दोनों भाइयों की गिरफ्तारी के लिए इनाम की घोषणा की है और उनके ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही है। रायपुर नगर निगम के जोन 8 कमिश्नर हितेंद्र यादव ने बताया कि तोमर बंधुओं की संपत्तियों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है, और किसी भी अनियमितता पर सख्त कार्रवाई होगी।

जनता की प्रतिक्रिया और भविष्य

दोनों भाइयों के खिलाफ कार्रवाई को कई लोगों ने सुशासन का प्रतीक माना है, लेकिन कई पीड़ित अभी भी डर के साये में हैं। पुलिस का कहना है कि कार्रवाई तेज होने के बाद पीड़ित अब शिकायत दर्ज कराने थानों में पहुंच रहे हैं। पांच राज्यों में चल रही छापेमारी और कॉल डिटेल्स की जांच से दोनों भाइयों के आपराधिक नेटवर्क का और खुलासा होने की उम्मीद है। इस मामले ने छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की प्रतिबद्धता को सामने ला दिया है, लेकिन जीएसटी चोरी और राजनीतिक संरक्षण के आरोपों ने इसकी जटिलता को बढ़ा दिया है।

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