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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रायपुर से बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) और पेंड्रीडीह बाईपास से नेहरू चौक तक की सड़क की खराब स्थिति पर कड़ा रुख अपनाया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की खंडपीठ ने गुरुवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार और संबंधित विभागों से सख्त सवाल पूछे। अदालत ने कहा कि सड़क की खराब हालत जनता की जान के लिए खतरा बन गई है, इसलिए तत्काल ठोस कदम उठाने होंगे।
पैचवर्क और पेंटिंग पर कोर्ट का तंज
सरकार की ओर से सड़क का अध्ययन कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करने की बात कही गई। इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि “आप पांच साल तक केवल स्टडी ही करते रहेंगे? पैचवर्क और पेंटिंग से समस्या हल नहीं होगी। सड़क को नए सिरे से बनाना होगा।”
कोर्ट ने आगे टिप्पणी की, “अगर सड़क हमें ही बनवानी पड़ी तो फिर आप क्या कर रहे हैं। जनता अपनी जान गंवा रही है, इसलिए आपको तुरंत ठोस कार्रवाई करनी होगी।”
सड़क की स्थिति बेहद खराब
पेंड्रीडीह से नेहरू चौक तक करीब 15 किलोमीटर लंबी सड़क की हालत बेहद खराब है। सड़क पर जगह-जगह बड़ी दरारें हैं। यह सड़क एनएचएआई ने बनाई थी, जिसे बाद में पीडब्ल्यूडी को सौंप दिया गया। कई बार मरम्मत के बावजूद कुछ ही दिनों में सड़क फिर खराब हो जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि कॉन्क्रीट सड़क में दरार आने पर पूरा पैनल बदलना जरूरी है, केवल दरार भरना स्थायी समाधान नहीं है।
सरकार का दावा
राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि सड़क सुधार का 70% काम पूरा हो चुका है और शेष काम 28 सितंबर तक पूरा करने का दावा किया गया है। दरारों में डामर भरने, सफाई, लाइटिंग और पेंटिंग का काम जारी है। हालांकि तकनीकी रिपोर्ट में पैचवर्क को अस्थायी समाधान बताया गया है। सरकार ने नया निर्माण करने के लिए बड़ा टेंडर जारी करने की तैयारी का हवाला दिया।
रायपुर-बिलासपुर नेशलन हाइवे पर सुनवाई के मुख्य बिंदुनेशलन हाइवे खराब सड़क, हाईकोर्ट नाराज पैचवर्क और पेंटिंग को अस्थायी समाधान पांच साल से चल रही स्टडी एनआईटी रायपुर को दी गई जिम्मेदारी तत्काल नवीनीकरण तय करने के निर्देश |
हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती
हाईकोर्ट ने सरकार की दलीलों पर असंतोष जताते हुए कहा कि “पांच साल से केवल स्टडी कर रहे हैं, जबकि जनता की जान से खिलवाड़ हो रहा है।” अदालत ने चेतावनी दी कि अगर समय पर काम शुरू नहीं हुआ तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
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एनआईटी को मिली जिम्मेदारी
राज्य सरकार ने बताया कि सड़क सर्वे और सॉयल टेस्ट का काम एनआईटी रायपुर को सौंपा गया है। टीम जल्द ही सर्वे करेगी और दो हफ्ते में रिपोर्ट पेश करेगी। रिपोर्ट के आधार पर नया टेंडर फाइनल होगा।
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