/sootr/media/media_files/2025/10/04/pandit-dhirendra-shashtri-in-raipur-2025-10-04-17-46-42.jpg)
Photograph: (the sootr)
RAIPUR.छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर एक बार फिर आस्था और भक्ति के विशाल संगम का केंद्र बन गई है। रायपुर के गुढ़ियारी इलाके में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दिव्य दरबार और हनुमंत कथा का भव्य आयोजन शुरू हो गया है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक बार फिर आस्था और भक्ति का विशाल समागम प्रारंभ हो गया है। देशभर में अपने बयानों के लिए चर्चित बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री शनिवार से रायपुर में हनुमान कथा और दिव्य दरबार लगा रहे हैं।
यह धार्मिक महाकुंभ शनिवार से प्रारंभ हो गया है, जो 8 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान इस महा-आयोजन में छत्तीसगढ़ के साथ ही देश के कई अन्य राज्यों से पंडित धीरेंद्र शास्त्री के अनुयायी पहुंच रहे हैं। इस आयोजन को लेकर आयोजकों के साथ ही प्रशासन ने भी अपने स्तर पर कई इंतजाम किए हैं।
आयोजन समिति ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए आयोजन स्थल पर पांच हजार से अधिक बाउंसरों को नियुक्त किया है, वहीं पुलिस प्रशासन द्वारा भी यहां व्यवस्था के लिए पुलिस फोर्स तैनात की गई है। इनके साथ ही आयोजन को सफल बनाने के लिए समिति की ओर से पांच हजार से अधिक लोगों को दायित्व सौंपा गया है।
विशाल व्यवस्थाएं और अभूतपूर्व सुरक्षा प्रबंध
इस दिव्य दरबार और कथा के विशाल स्वरूप को देखते हुए, आयोजकों और प्रशासन द्वारा व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं। यह आयोजन समाजसेवी चंदन-बसंत अग्रवाल के नेतृत्व में ‘स्व. पुरुषोत्तम अग्रवाल स्मृति फाउंडेशन’ के देखरेख में हो रहा है।
सुरक्षा का कड़ा पहरा: 5 हजार बाउंसर्स और पुलिस फोर्स
किसी भी अप्रिय घटना या अव्यवस्था से बचने के लिए सुरक्षा के इंतज़ाम बेहद सख्त रखे गए हैं।
भारी पुलिस फोर्स: स्थानीय पुलिस प्रशासन की टीमें कथा स्थल पर चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं।
5 हजार बाउंसर्स: पुलिस बल के अलावा, आयोजकों द्वारा 5 हजार से अधिक पेशेवर बाउंसर्स की भी तैनाती की गई है। यह संख्या स्वयं में अभूतपूर्व है और सुरक्षा व्यवस्था की गंभीरता को दर्शाती है।
सीसीटीवी निगरानी: पूरे कथा परिसर को आधुनिक सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है, ताकि हर गतिविधि पर बारीकी से नज़र रखी जा सके।
प्रवेश-निकास नियंत्रण: श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए नियंत्रित प्रवेश और निकास द्वार बनाए गए हैं।
सुरक्षा के इन पुख्ता इंतजामों का मुख्य उद्देश्य लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना है, ताकि वे निर्विघ्न रूप से कथा श्रवण कर सकें औरदिव्य दरबार का लाभ उठा सकें।
यह खबरें भी पढ़ें...
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने आई लव मोहम्मद पर दिया बड़ा बयान, हिंदू त्योहारों को बचाने की दी चेतावनी
पंडित धीरेंद्र शास्त्री का गरबा को लेकर बड़ा बयान, कहा- हिंदू हज नहीं जाते, तो मुस्लिम...
भक्तों को यह सुविधाएं मिलेंगी निशुल्क
आयोजकों ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो सेवा भाव का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
भंडारा (भोजन) व्यवस्था: प्रतिदिन दो समय (सुबह 10 बजे और रात 9 बजे) भक्तों के लिए निःशुल्क भोजन (भंडारा) की व्यवस्था की गई है। यह सेवा 4 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक निरंतर जारी रहेगी।
निःशुल्क ई-रिक्शा सेवा: श्रद्धालुओं को कथा स्थल तक आने-जाने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए 200 निःशुल्क ई-रिक्शा [200 free e-rickshaws] चलाए जा रहे हैं। यह सुविधा विशेष रूप से बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए अत्यंत लाभदायक है।
सेवा दल: ‘स्व. पुरुषोत्तम अग्रवाल स्मृति फाउंडेशन’ के मीडिया कोऑर्डिनेटर के अनुसार, 8 हजार से ज्यादा लोग इस आयोजन में अपनी निःशुल्क सेवा दे रहे हैं, जो व्यवस्थाओं को सुचारू बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
बागेश्वर धाम के दिव्य दरबार आयोजन के इंतजामों को ऐसे समझें
|
यह राजनीतिक और सामाजिक हस्तियां करेंगी भागीदारी
इस विशाल धार्मिक आयोजन में छत्तीसगढ़ की कई प्रमुख राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों की भागीदारी भी सुनिश्चित है। यह दर्शाता है कि यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक महत्व भी रखता है।
शामिल होने वाले प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों में शामिल हैं:
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और कौशल्या देवी साय
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव
उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और वीणा सिंह
मंत्रिमंडल के सहयोगी, रायपुर के चारों विधायक
निगम, मंडल के सदस्य
नगर निगम की महापौर मीनल चौबे और सभापति सूर्यकांत राठौर सहित अन्य गणमान्य नागरिक।
इन गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति से आयोजन का महत्व और भी बढ़ जाता है।
यह खबरें भी पढ़ें...
कर्मचारी के प्रमोशन के लिए शर्तें तय करना सरकार का अधिकार... छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
छत्तीसगढ़ के इन शिक्षकों पर सख्त हुई सरकार, स्कूल में किया यह काम तो जाएंगी नौकरी, होगी जेल
पंडित धीरेंद्र शास्त्री की हनुमंत कथा: धार्मिक महत्व और संदेश
हनुमंत कथा का वाचन स्वयं पंडित धीरेंद्र शास्त्री द्वारा किया जा रहा है, जो हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। हनुमान जी को शक्ति, भक्ति और सेवा का प्रतीक माना जाता है। इस कथा के माध्यम से बागेश्वर बाबा श्रोताओं को भगवान हनुमान के जीवन चरित्र, उनके समर्पण और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के प्रति उनकी अटूट सेवा के बारे में बता रहे हैं। कथा का सार सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन में सकारात्मकता आत्मविश्वास और नैतिक मूल्यों को अपनाने का संदेश भी देता है।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री अपनी ओजपूर्ण वाणी और सरल भाषा में कथा सुनाते हैं, जिससे सामान्य जनमानस भी धर्म के गूढ़ रहस्यों को आसानी से समझ पाते हैं।