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Photograph: (THESOOTR)
CHHATARPUR. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और प्रसिद्ध कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाल ही में 'आई लव मोहम्मद' पर एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कुछ लोगों द्वारा दी जा रही धमकियों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। शास्त्री ने अपने बयान में कहा कि जो लोग "सर तन से जुदा" करने की धमकी देते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ऐसी धमकियों का कोई स्थान नहीं है और इसका विरोध करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक बयान नहीं बल्कि हिंदू समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की एक साजिश है। शास्त्री का मानना है कि हमें इस तरह की धमकियों का विरोध करने के लिए खड़े होना होगा।
'सर तन से जुदा' धमकी का विरोध
शास्त्री ने ‘सर तन से जुदा’ जैसी धमकियों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि जो लोग इस तरह की धमकियां देते हैं, वे हिंदू धर्म और समाज के खिलाफ साजिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की बयानों से देश में असहमति और तनाव बढ़ता है, जिसे किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जा सकता है।
इसके साथ ही, शास्त्री ने यह भी कहा कि हिंदू समाज को अपनी रक्षा के लिए एकजुट होना पड़ेगा, और किसी भी स्थिति में धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए खड़ा होना पड़ेगा।
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हिंदू त्योहारों को निशाना बनाने पर चेतावनी
धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू त्योहारों को निशाना बनाने को लेकर भी कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि कोई भी व्यक्ति हिंदू धर्म के त्योहारों को निशाना नहीं बना सकता। शास्त्री ने कहा कि यह हमारे धर्म और संस्कृति की पहचान हैं, और किसी को भी इन्हें अपमानित करने का अधिकार नहीं है।
शास्त्री ने हिंदू समाज को “बुजदिल” (Coward) बताते हुए कहा कि वे अपने धर्म और त्योहारों की रक्षा के लिए पर्याप्त रूप से खड़े नहीं हो रहे हैं। उन्होंने हिंदू समाज को जागरूक करने के लिए एक बड़ी यात्रा का ऐलान किया, जिसे वह जल्द ही दिल्ली से मथुरा और वृंदावन तक निकालने जा रहे हैं।
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हिंदू समाज को जागरूक करने के लिए यात्रा
धीरेंद्र शास्त्री ने घोषणा की कि वह जल्द ही दिल्ली से मथुरा और वृंदावन तक एक यात्रा निकालेंगे, जिसका उद्देश्य हिंदू समाज को जागरूक करना और एकजुट करना है। इस यात्रा में वह हिंदू धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे और उन्हें अपनी शक्ति का अहसास कराएंगे।
उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को अपनी ताकत और एकता का एहसास कराना समय की आवश्यकता है। शास्त्री ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य हर हिंदू को अपनी भूमिका समझाना और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना है।
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यात्रा के उद्देश्यों पर जोर...
- हिंदू समाज को जागरूक करना: शास्त्री का उद्देश्य हिंदू समाज को एकजुट करना और उन्हें अपने धर्म और त्योहारों की रक्षा के लिए प्रेरित करना है।
- धर्म की रक्षा करना: यात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंदू धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए लोगों को जागरूक करना और किसी भी प्रकार की धमकियों का विरोध करना है।
- शक्ति का अहसास कराना: शास्त्री इस यात्रा के माध्यम से हिंदू समाज को अपनी ताकत का एहसास कराना चाहते हैं, ताकि वे अपने धर्म की रक्षा के लिए खड़े हो सकें।
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शास्त्री का संदेश: शक्ति, सुरक्षा और एकता
धीरेंद्र शास्त्री ने अपने बयान में हिंदू समाज को यह संदेश दिया कि शक्ति (Power), सुरक्षा (Security), और एकता (Unity) के बिना कोई भी समाज अपनी संस्कृति और धर्म की रक्षा नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को अपनी शक्ति का एहसास कराना और उसे एकजुट करना जरूरी है।
शास्त्री ने यह भी कहा कि यह समय है जब हर हिंदू को अपने धर्म की रक्षा के लिए खड़ा होना चाहिए। उनके अनुसार, हिंदू समाज को अब अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और किसी भी धमकी या अपमान का सामना करने के लिए एकजुट होना होगा।