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Photograph: (the sootr)
नए कर्मचारियों को निःशुल्क बस पास बंद करने के लिए वित्त विभाग के आदेश का विरोध तेज होने लगा है। वित्त विभाग ने इसके लिए बुधवार को आदेश जारी किया है। जिसके विरोध में कर्मचारी संगठनों ने वित्त और छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन विभाग से आदेश वापस लेने के लिए कहा है।
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने इस आदेश के जरिए मंत्रालय या विभागाध्यक्ष भवन रोजगार की चाह रखने वाले युवाओं के लिए परेशानी खड़ी कर दी है।
क्या कहा गया है आदेश में
वित्त विभाग के आदेश में कहा गया है कि चूंकि नवा रायपुर में मंत्रालय और विभागाध्यक्ष कार्यालयों का संचालन पिछले 12 सालों से हो रहा है। इसके अलावा नवा रायपुर में कर्मचारियेां और अधिकारियों के लिए मकान अलॉट किए जा चुके है। साथ ही सभी कर्मचारियों के लिए मकान भत्ता या निःशुल्क बस पास की सुविधा दी गई है।
लेकिन अब नवा रायपुर में पर्याप्त मकान उपलब्ध है और रायपुर के लिए लग्जरी बस और ट्रेन की सुविधाएं मौजूद हैं। ऐसे में नए नियुक्तियों के लिए निःशुल्क बस पास की पात्रता को समाप्त किया जाता है।
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वाहन भत्ता को 2000 रु करे सरकार
आदेश के बाद कर्मचारी संगठनों का विरोध शुरु हो गया। मंत्रालय में सेवा दे रहे अधिकारी कर्मचारियों ने सरकार से इस आदेश को वापस लेने के साथ मांग की है कि शासन को इस आदेश को जारी करने से पहले मिल रहे वाहन भत्ता की समीक्षा करनी चाहिए थी।
शासन की तरफ से कर्मचारी अधिकारियों को प्रतिमाह वाहन भत्ता के रुप में 100 रुपए मिलते हैं। जबकि पेट्रोल की कीमत 100 रुपए प्रति लीटर हो चुकी है। रायपुर से नवा रायपुर आने जाने में भी प्रतिदिन 80 रुपए खर्च होंगे।
ऐसे में सरकार को निःशुल्क पास सुविधा बंद करने के पहले वाहन भत्ता बढ़ाने से संबंधित आदेश जारी करना चाहिए। मंत्रालयीन कर्मचारी अधिकारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र राजपूत ने मांग की है कि सरकार 100 रुपए वाहन भत्ता को बढ़ाकर 2000 रुपए करे।
युवा कर्मचारियों से जुडे़ इस मामले को ऐसे समझें शार्ट में
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कर्मचारी संगठनों की प्रमुख मांगें
निःशुल्क बस पास की बहाली: कर्मचारी संगठन चाहते हैं कि सरकार नये कर्मचारियों के लिए निःशुल्क बस पास की सुविधा को फिर से लागू करे, क्योंकि यह कर्मचारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
वाहन भत्ते में वृद्धि: कर्मचारियों ने सरकार से वाहन भत्ते को 2000 रुपये करने की मांग की है, ताकि वे परिवहन लागत को कवर कर सकें।
आदेश वापस लेने की अपील: कर्मचारियों की मुख्य मांग है कि वित्त विभाग का यह आदेश वापस लिया जाए, क्योंकि यह कर्मचारियों को परेशान करने वाला है।
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शासन की योजना के लिए करने हैं मेहनत
छग अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल वर्मा इसे आदेश को तानाशाही भरा बता रहे हैं। उनका कहना है कि कर्मचारी अधिकारी पूरे महीने शासन की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए मेहनत करते है। उसके बावजूद ऐसा आदेश लादकर उन्हें परेशान किया जा रहा है। सरकार को किसी आदेश को जारी करने से पहले सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाना चाहिए।