गुरूचरण सिंह होरा पर अब तक कार्रवाई नहीं, पीड़ित संघ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जताया विरोध, 16 नवंबर को धरना प्रदर्शन

रायपुर में गुरूचरण सिंह होरा पर जमीन कब्जे, फर्जी रजिस्ट्री और धमकी के गंभीर आरोप लगे हैं। पीड़ितों का कहना है कि उन्हें गुंडों के जरिए डराया-धमकाया जा रहा है और मकान बनाने से रोका जा रहा है।

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Harrison Masih
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Raipur. राजधानी में गुरूचरण सिंह होरा पीड़ित संघ ने प्रेस क्लब में बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने गंभीर आरोपों को सामने रखा। उन्होंने कहा होरा पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है, लेकिन अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। पीड़ितों का कहना है कि गुरूचरण सिंह होरा रायपुर का सबसे बड़ा भू-माफिया है, जो 2023 में तत्कालीन IAS अफसर अनिल टुटेजा के संरक्षण में उनकी जमीनों पर कब्जा करने की कोशिश करता रहा।

पीड़ितों का आरोप- महिलाओं को भेज धमकी दिलवाई जाती है

पीड़ितों ने बताया कि होरा उन्हें जमीन औने-पौने दाम पर बेचने के लिए मजबूर कर रहा है। इसके लिए शहनाज अली नाम की महिला दर्जनों महिलाओं के साथ उनके प्लॉट में जाकर महिला उत्पीड़न के झूठे केस में फँसाने की धमकी देती है। लोगों का कहना है कि वे छोटी-छोटी जमीन लेकर अपने घर बनाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें लगातार रोका जा रहा है।

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फर्जी रजिस्ट्री का बड़ा खुलासा

पीड़ित परिवार ने बताया कि 1980 में उनकी मृत दादी चमारिन बाई के नाम पर फर्जी तरीके से आठ रजिस्ट्री कराई गई थी, जबकि उनकी मौत हो चुकी थी। इस मामले में सिविल कोर्ट ने 2005 और 2006 में इन सभी फर्जी रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर दिया, और होरा-टुटेजा परिवार को जमीन में प्रवेश तक से प्रतिबंधित कर दिया। इसके बावजूद आरोप है कि गुरूचरण होरा ने कोर्ट के आदेश की अनदेखी कर 2023 में फिर जमीन कब्जाने की कोशिश की।

ED कार्रवाई के बाद दो साल शांत—अब फिर विवाद

पीड़ितों ने बताया कि 2023 में IAS अनिल टुटेजा के समर्थन से उनकी जमीन पर कब्जे की कोशिशें हुईं। जब ED ने टुटेजा को जेल भेजा और गुरुचरण सिंह होरा की जांच शुरू हुई, तो वह लगभग दो साल शांत रहा। लेकिन अप्रैल 2025 से फिर से उत्पीड़न शुरू हो गया। अवैध कब्जे की पुष्टि खुद राजस्व विभाग ने की।

पीड़ितों के अनुसार उनकी जमीन पर होरा ने अपने भांजे के नाम के "फर्जी बोर्ड" लगा रखे हैं। सीमांकन रिपोर्ट में राजस्व विभाग ने इसे अवैध बताया है। यहाँ तक कि रिंग रोड की चौड़ाई में अवैध झोपड़ी बनाकर गुंडों को रखा गया है, ताकि लोगों को डराकर जमीन ली जा सके। लेकिन इसके बावजूद अवैध कब्जा हटाने की बजाय तहसीलदार उन्हें सिविल कोर्ट जाने के लिए कह रहा है, जिससे पीड़ित नाराज हैं।

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जालसाजी पर FIR दर्ज

पीड़ितों ने बताया कि 8 अक्टूबर 2025 को थाना सिविल लाइन में FIR दर्ज हुई है। धाराएँ: 420, 467, 471, 506, 34 IPC लगी हैं। 12 पीड़ित और सरकारी गवाह बयान दे चुके हैं। दस्तावेजों से साबित हो चुका है कि फर्जी रजिस्ट्री मृत महिला के नाम पर कराई गई थी। इसके बावजूद होरा और उसके रिश्तेदारों पर अभी कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे पीड़ित खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

16 नवंबर को धरना—गुरुचरण होरा की गिरफ्तारी की मांग

पीड़ित संघ ने घोषणा की कि 16 नवंबर (रविवार) को गांधी प्रतिमा, आजाद चौक में एक दिवसीय धरना दिया जाएगा। आगे भी लगातार आंदोलन चलाने की चेतावनी दी गई है। पीड़ितों का सवाल स्पष्ट है— "हमारी जमीन कब मुक्त होगी? और भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई कब होगी?"

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