रायपुर NIT चौपाटी शिफ्टिंग पर बवाल: JCB के आगे लेटे विकास उपाध्याय, पूर्व विधायक समेत कई नेता गिरफ्तार

रायपुर NIT चौपाटी को आमानाका शिफ्ट करने पर बवाल। विकास उपाध्याय समेत कई नेता गिरफ्तार, JCB के आगे लेटे। बिना नोटिस 10 करोड़ की चौपाटी तोड़ने का विरोध। जानें रेलवे विवाद और Nalanda-2 का पूरा मामला।

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Harrison Masih
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Raipur. राजधानी की मशहूर रायपुर NIT चौपाटी को आज आमानाका शिफ्ट किया जाना था, लेकिन शिफ्टिंग से पहले ही राजनीतिक और प्रशासनिक टकराव तेज हो गया। चौपाटी पर आज सुबह नगर निगम की टीम कार्रवाई के लिए पहुंची, लेकिन रात 11 बजे से ही धरने पर बैठे व्यापारी और कांग्रेस नेता विरोध में अड़ गए।

मौके पर तनाव तब बढ़ गया जब पूर्व विधायक विकास उपाध्याय समेत कई प्रदर्शनकारी जेसीबी मशीन के सामने लेट गए और जेसीबी पर चढ़कर विरोध जताना शुरू कर दिया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झूमा-झटकी हुई। आखिरकार पुलिस ने बलपूर्वक प्रदर्शनकारियों को हटाया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने पूर्व विधायक विकास उपाध्याय को घसीटते हुए उठाकर ले गए। फिलहाल, गिरफ्तार किए गए सभी नेताओं और व्यापारियों को सेंट्रल जेल भेज दिया गया है।

व्यापारियों ने लगाया कारोबार ठप' करने का आरोप

व्यापारियों ने चौपाटी हटाने की कार्रवाई को लेकर नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें दुकानों को शिफ्ट करने के लिए पहले से कोई नोटिस या संवाद नहीं दिया गया। व्यापारियों का आरोप है कि बिना तैयारी, बिना विकल्प दिए अचानक उन्हें आमानाका जैसी जगह पर भेजने को कहा जा रहा है, जिससे उनका कारोबार पूरी तरह ठप हो जाएगा। कांग्रेस ने व्यापारियों के इस विरोध को खुला समर्थन दिया है और इस कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताया है।

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'अनपढ़ विधायक को नहीं पता छात्रों को क्या चाहिए'- विकास उपाध्याय

कल रात से धरने पर बैठे पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने इस कार्रवाई को पूरी तरह अनुचित बताया। विकास उपाध्याय ने कहा, "10 करोड़ के निर्माण को तोड़ दिया गया। अनपढ़ विधायक हैं, उन्हें नहीं पता कि स्टूडेंट्स को क्या चाहिए। 60-70 दुकानें थीं, उसे तोड़ दिया गया। हमारे साथी घायल हुए हैं, लेकिन हम डटे रहे। हमने भाजपा नेता के सामने हाथ तक जोड़े, लेकिन जिद्दी विधायक ने बात नहीं सुनी।"

डिप्टी सीएम अरुण साव का पलटवार: 'कांग्रेस का दोहरा चरित्र'

विरोध प्रदर्शन और गिरफ्तारी पर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। साव ने कहा, "लोकतंत्र में विरोध करना स्वाभाविक है, लेकिन कांग्रेस अपनी राजनीति के बारे में विचार करे। सत्ता में रहते हैं तो अलग बात करते हैं, विपक्ष में रहते हैं तो अलग। कांग्रेस का दोहरा चरित्र रहता है।"

विवाद की जड़: 10 करोड़ की चौपाटी बनाम नालंदा-2

यह पूरा विवाद NIT चौपाटी शिफ्टिंग और उस स्थान पर नालंदा-2 के निर्माण की योजना से जुड़ा है। लगभग 10 करोड़ रुपए खर्च करके इस चौपाटी का विकास किया गया था। तत्कालीन विपक्ष (भाजपा) के पूर्व विधायक राजेश मूणत ने चौपाटी निर्माण का कड़ा विरोध किया था। 2023 में भाजपा सरकार आने के बाद चौपाटी को हटाकर उस स्थान पर नालंदा-2 (एक शैक्षणिक/पुस्तकालय केंद्र) बनाने की योजना पर तेजी से काम शुरू हुआ। नवंबर 2025 में नगरीय प्रशासन ने नालंदा-2 के लिए टेंडर पूरे होने की जानकारी दी और 15 नवंबर से चौपाटी शिफ्टिंग की तारीख घोषित की थी।

रेलवे का बड़ा ट्विस्ट

शिफ्टिंग की घोषणा के बाद इस विवाद में एक बड़ा मोड़ आ गया। रेलवे ने अचानक इस जमीन पर अपना दावा जताते हुए 32 दुकानदारों को नोटिस भेज दिया। इस ट्विस्ट के बाद नगर निगम और रेलवे के बीच जमीन के मसले पर बातचीत का दौर जारी है, जिससे शिफ्टिंग की प्रक्रिया और भी उलझ गई है।

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