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छत्तीसगढ़ में लंबित पड़े मामलों के आंकड़े सामने आए हैं। इस आंकड़े में रायपुर पुलिस फैल नजर आई। पेंडिंग केस खत्म करने में रायपुर पुलिस दुर्ग और बस्तर जिले से भी पीछे रह गई। वहीं सबसे अच्छे आंकड़े बिलासपुर से सामने आए है। 1 जनवरी 2024 से लेकर 25 नवंबर 2024 तक बिलासपुर में 4043 केस लंबित थे, इनमें से 3562 मामले हल हो गए। वहीं रायपुर में 2084 लंबित केस पड़े हैं। इनमें से केवल 58 केस को हल किया गया है। एक साल के भीतर लंबित 13058 प्रकरणों में 4373 को हल कर लिया है। इनमें बिलासपुर रेंज ने अकेले ही 3562 पेंडेंसी खत्म किए।
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पिछले दिनों हुई रायपुर में बैठक में उन्होंने कहा था कि बिना कारण के किसी केस को लंबित रखने वाले विवेचकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ उनके अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी। अपराधों के निराकरण के लिए उन्होंने जनवरी से लेकर 25 नवंबर तक करीब 8 से अधिक वीसी किए और प्रत्यक्ष बैठकें ली।
इस बीच 1 जनवरी की स्थिति में लंबित अपराधों के संबंध में 25 नवंबर को सभी आईजी व एसपी व सीआईडी, अजाक व अभियोजन अधिकारियों की मीटिंग लेकर समीक्षा की थी। एक साल से अधिक अवधि के लंबित अपराधों, महिलाओं से संबंधित लंबित अपराधों के शीन निराकरण के निर्देश दिए थे।
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पेंडिंग केस खत्म करने में राजधानी ही रह गई पीछे
पेंडिंग केस खत्म करने में प्रदेश की राजधानी ही पीछे रह गई। रायपुर में कुल 2084 केस दर्ज किए गए थे। इनमें सिर्फ 58 केस हल हो पाए। वहीं 2026 केस अब तक हल नहीं हो पाई। बता दें कि प्रदेश में सबसे अधिक केस दुर्ग और बिलासपुर जिले में हल किए गए हैं। वहीं रायपुर, राजनांदगांव और सरगुजा के केस सबसे अधिक पेंडिंग पर पड़े हुए हैं।
रजिस्टर्ड 10857 केस में 8725 में चालान भी पेश
सालभर के भीतर 10857 केस पंजीबद्ध हुए इनमें 8725 में चालान पेश किया गया है। वर्तमान में 2132 प्रकरण लंबित हैं। लंबित प्रकरणों को साल के अंत 31 जनवरी तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। थाना प्रभारी व विवेचकों के काम के मूल्यांकन के लिए तिथिवार परफारमेंस मैट्रिक्स तैयार की जा रही है। इसमें विवेचना अधिकारियों के काम का मूल्यांकन कर इनाम व सजा का प्रावधान किया गया है।
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