रायपुर का स्काई वॉक : 7 साल बाद फिर से शुरू होगा निर्माण, लागत में होगी 30 करोड़ की बढ़ोतरी

रायपुर के स्काई वॉक को 7 साल बाद पूरा किया जाएगा। साय सरकार ने इस पर फिर से काम शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं। PWD अफसरों ने बताया कि सितंबर से निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

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Deeksha Nandini Mehra
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रायपुर का स्काई वॉक
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Sky-Walk will be Built in Raipur : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक बार फिर स्काई- वॉक बनेगा। इसको लेकर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने जानकारी दी है। स्काई-वॉक का काम सात साल पहले कांग्रेस सरकर ने बंद करवा दिया था, जिसे अब साय सरकार द्वारा दोबारा शुरू किया जा रहा है। हालांकि सात साल पहले ये स्काई-वॉक 48 करोड़ की लागत से तैयार होने वाला था लेकिन अब इसे बनाने में 78 करोड़ रुपए तक का खर्चा आएगा। 

सितंबर से होगा शुरू काम 

 PWD अफसरों के मुताबिक सितंबर से निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। रमन सिंह सरकार के दौरान मंजूर की गई ड्राइंग डिजाइन के आधार पर निर्माण किया जाएगा। कांग्रेस सरकार ने इस परियोजना पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब साय सरकार के निर्णय के बाद इसमें राजनीति और बयानबाजी तेज हो गई है।

स्काई वॉक प्रोजेक्ट की शुरुआत 

रमन सिंह सरकार ने 2016-17 में इस स्काई वॉक का निर्माण शुरू किया था। कंसल्टेंट एसएन भावे एसोसिएट मुंबई द्वारा की गई सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, शास्त्री चौक से रोजाना 27 हजार और मेकाहारा चौक से लगभग 14 हजार लोग पैदल आवागमन करते हैं।

डीकेएस अस्पताल और जीई रोड के ट्रैफिक को कम करने के लिए इस परियोजना को तैयार किया गया था। इसमें 12 स्थानों पर सीढ़ी, एस्कलेटर और लिफ्ट की व्यवस्था की गई थी।

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कांग्रेस सरकार द्वारा निर्माण कार्य पर रोक

2018 विधानसभा चुनाव के बाद निर्माण कार्य जारी रहा, लेकिन 2019 में भूपेश बघेल सरकार ने इस पर रोक लगा दी। तब तक 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका था। सरकार ने स्काई वॉक के अन्य उपयोग को लेकर वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में सुझाव समिति का गठन किया।

विरोध का कारण

भूपेश बघेल सरकार ने रोक लगाने का कारण बताया कि परियोजना की डिजाइन जनता के उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं है और पेश किए गए पैदल यात्री आंकड़े भी सही नहीं हैं। इसके अलावा, भाजपा नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया गया था, जिसके चलते एसीबी में शिकायत भी की गई थी।

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विभिन्न कंपनियों द्वारा किया जा रहा था कार्य

स्काई वॉक का निर्माण तीन कंपनियों द्वारा किया जा रहा था: जीएस एक्सप्रेस को सिविल कार्य का ठेका 50 करोड़ में, श्रीजी बिल्ड प्रोजेक्ट को तकनीकी कार्य का ठेका 15 करोड़ में, और मेसर्स ट्रेंच लेथ को विद्युतीकरण का ठेका 12 करोड़ में दिया गया था। कंपनियों के भुगतान का मामला वर्तमान में हाईकोर्ट में लंबित है।

स्काई वॉक की वर्तमान स्थिति

जय स्तंभ चौक से शास्त्री चौक और अंबेडकर अस्पताल के गेट तक स्काई वॉक का स्ट्रक्चर तैयार है। पीडब्ल्यूडी की जांच में पता चला कि कई जगहों पर एसीपी शीट, एल्यूमीनियम फ्रेम और डिवाइडर रेलिंग चोरी हो गई हैं।

स्टील और नट बोल्ट सही हैं, लेकिन वेल्डिंग, पेंटिंग, फ्लोरिंग, हुड और अन्य कार्य अधूरे हैं। खुली जगह और मौसम के प्रभाव से कई हिस्सों में जंग लग गई है, जिससे स्ट्रक्चर की मजबूती पर असर पड़ सकता है। सेतु निगम की टीम ने पूरी जांच कर रिपोर्ट सौंप दी है।

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स्काई वॉक की लागत में वृद्धि

प्रारंभ में स्काई वॉक के लिए 48 करोड़ का टेंडर जारी किया गया था, लेकिन ले-आउट में बदलाव के कारण लागत 77 करोड़ तक पहुंच गई। इस समय ठेका एजेंसी को 34 करोड़ का भुगतान भी किया गया था।

पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के अनुसार, निर्माण कार्य दोबारा शुरू करने के लिए खराब सामग्री को हटाना पड़ेगा और नए सामान की व्यवस्था करनी पड़ेगी। इस प्रक्रिया में करीब 6 से 7 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आ सकता है।

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