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Rajnandgaon accident: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में डोंगरगढ़ मां बम्लेश्वरी के दर्शन करने जा रहे श्रद्धालुओं की पैदल यात्रा मातम में बदल गई। सोमनी थाना इलाके में सोमवार रात एक बेकाबू थार वाहन ने श्रद्धालुओं के जत्थे को टक्कर मार दी, जिसमें भिलाई की रहने वाली 20 वर्षीय छात्रा महिमा साहू की मौत हो गई।
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महिमा साहू कौन थी?
महिमा साहू, भिलाई के अटल आवास जामुल की रहने वाली थी। वह बेहद प्रतिभाशाली छात्रा रही। साल 2023 में उसने 12वीं में राज्य का 6वां रैंक हासिल किया था। IAS बनने का सपना लेकर तैयारी कर रही थी और वर्तमान में कोंडागांव के पोस्ट ऑफिस में सरकारी नौकरी कर रही थी। परिवार और दोस्तों का कहना है कि महिमा रोज 16 घंटे पढ़ाई करती थी और 2027 तक कलेक्टर बनने का लक्ष्य रखा था।
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मन्नत पूरी करने गई थी डोंगरगढ़
महिमा ने 3 साल पहले मन्नत मांगी थी कि नौकरी मिलने के बाद वह लगातार तीन वर्षों तक पैदल यात्रा कर मां बम्लेश्वरी के दर्शन करेगी। इस साल वह तीसरी और अंतिम बार डोंगरगढ़ जा रही थी। परिवार के मुताबिक, आठ महीने पहले ही उसकी सरकारी नौकरी लगी थी। लेकिन माता के दरबार तक पहुंचने से पहले ही हादसे ने उसकी जिंदगी छीन ली।
हादसा कैसे हुआ?
सोमवार रात करीब 8:30 बजे महिमा अपनी छोटी बहन याचना और मोहल्ले के अन्य श्रद्धालुओं के साथ पैदल यात्रा पर थी। जयकारों से गूंजते माहौल में अचानक तेज रफ्तार थार (CG04 QC 8007) ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसे में महिमा गंभीर रूप से घायल हो गई। साथी श्रद्धालु तुरंत उसे सेक्टर-9 अस्पताल, भिलाई लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
आरोपी ड्राइवर पकड़ा गया
थार चालक मौके से फरार हो गया, लेकिन पुलिस ने तेजी दिखाई। आसपास के CCTV कैमरों की फुटेज से वाहन का नंबर ट्रेस किया गया। थार रायपुर निवासी राजा सिंह के नाम रजिस्टर्ड है। पुलिस ने वाहन को जब्त कर आरोपी तक पहुंच बनाई, हालांकि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि हादसे के समय गाड़ी कौन चला रहा था।
राजनांदगांव हिट एंड रन में छात्रा महिमा साहू की मौत: 5 मुख्य बातें:
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श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर सवाल
हादसे के बाद स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में गुस्सा है। उनका कहना है कि हर साल हजारों लोग मां बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए पैदल यात्रा करते हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से सड़क सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए जाते। लोगों ने मांग की है कि पैदल यात्राओं के दौरान बैरिकेडिंग, पुलिस पेट्रोलिंग और वाहनों की स्पीड पर नियंत्रण जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
परिवार का दर्द
महिमा के पिता ट्रक ड्राइवर हैं। घरवालों का कहना है कि महिमा का जीवन केवल पढ़ाई और सेवा के लिए समर्पित था। वह नौकरी के बाद भी रोज घंटों पढ़ाई करती थी। परिवार ने प्रशासन से अपील की है कि इस हादसे के दोषी को जल्द से जल्द सजा दी जाए, ताकि महिमा की आत्मा को न्याय मिल सके। यह खबर केवल एक हादसे की कहानी नहीं है, बल्कि सड़क सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही पर बड़ा सवाल भी खड़ा करती है।