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Bilaspur Anganwadi Girl death: बिलासपुर में एक बेहद दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। आंगनबाड़ी स्कूल परिसर में रखे डीजे के पाइप गिरने से तीन साल की बच्ची की मौत हो गई। इस घटना को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और प्रशासन पर कड़ा रुख अपनाया है।
बिलासपुर आंगनबाड़ी हादसा क्या है?
आंगनबाड़ी परिसर में डीजे का सामान रखा गया था। इसी दौरान लोहे का पाइप अचानक गिर गया और उसकी चपेट में आने से 3 साल की बच्ची की मौत हो गई।हादसे के बाद परिजनों में गहरा आक्रोश है।
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कोर्ट की नाराजगी
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस डी. गुरु की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने इस हादसे को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस घटना के लिए किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
बेंच ने सवाल किया – “स्कूल परिसर में डीजे का सामान क्यों रखा गया था? क्या वहां नाच-गाना होता है?”
मुआवजा और कोर्ट का आदेश
कलेक्टर बिलासपुर ने कोर्ट को बताया कि मृतक बच्ची के परिजनों को रेडक्रॉस सोसायटी फंड से 50 हजार रूपए दिए गए हैं। इस पर चीफ जस्टिस ने असंतोष जताते हुए कहा कि यह राशि बहुत कम है। कोर्ट ने आदेश दिया कि परिजनों को अलग से 2 लाख रूपए मुआवजे के रूप में दिए जाएं।
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राज्य सरकार का जवाब
सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पैरवी कर रहे महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी ने जानकारी दी डीजे संचालक रोहित देवांगन और उसके सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। राज्य शासन ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कोर्ट के सख्त सवाल
डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार और प्रशासन से कई सवाल किए:
- इस लापरवाही के लिए जिम्मेदारों की जवाबदेही किस आधार पर तय की जा रही है?
- स्कूल परिसर में डीजे का सामान क्यों और किस अनुमति से रखा गया था?
- भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन क्या ठोस कदम उठा रहा है?
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आंगनबाड़ी में बच्ची की मौत मामला क्या है?
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अगली सुनवाई
इस मामले की अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी। तब तक राज्य सरकार को स्पष्ट रूप से जवाब देना होगा कि दोषियों की जिम्मेदारी तय कर उन्हें दंडित करने के लिए क्या कार्रवाई की गई है। यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है बल्कि बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी गंभीर चिंताओं को भी सामने लाती है।
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