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Rajnandgaon minor rape murder case : सात साल की मासूम के साथ रेप और उसके बाद बच्ची की हत्या के आरोपी की फांसी की सजा को होईकोर्ट ने माफ कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि ये बेहद क्रूर और जघन्य केस है, लेकिन इसे रेयर ऑफ रेयरेस्ट की केटेगरी में नहीं रखा जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अमितेंद्र किशोर की डिवीजन बैंच ने इस केस की सुनवाई की थी। कोर्ट ने आरोपी की फांसी की सजा पर रोक लगाते हुए उसे 10 साल उम्रकैद में बदल दिया।
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फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाई थी फांसी की सजा
सात साल की मासूम के साथ रेप और हत्या कर उसका शव रेलवे ट्रैक पर फेंके जाने के मामल की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई थी। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई थी। इस केस की अपील हाईकोर्ट में की गई थी। वहीं,फास्ट ट्रैक कोर्ट ने भी सजा की पुष्टि के लिए मामला ऊपरी अदालत में भेजा था।
क्या था मामला
जानकारी के अनुसार घटना राजनांदगांव के सोमानी गांव में 8 फरवरी 2021 को हुई थी। गांव में रहने वाली सात साल की बच्ची और उसके पांच साल के भाई को आरोपी दीपक बघेल झांकी दिखाने के बहाने अपने साथ ले गया था। झांसी स्थल से आरोपी बच्ची को अपने साथ रेलवे ट्रैक के पास ले गया और वारदात को अंजाम दिया। बच्ची के साथ रेप के बाद उसने उसकी हत्या कर शव रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया। ट्रैक पर कई ट्रेन गुजरने के कारण शव क्षत विक्षत हो गया था।
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आरोपी को सुधार का अवसर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोर्ट ने कहा है कि यह रेयर ऑफ रेयरेस्ट केस नहीं है। इसलिए आरोपी को सुधार का अवसर दिया जा सकता है। आरोपी का पुनर्वास भी किया जा सकता है। आरोपी के लिए 10 साल की उम्र कैद की सजा पर्याप्त है।