मंत्री रामविचार नेताम के खिलाफ PMO तक भेजी गईं 90 फर्जी शिकायतें,तीन संदिग्ध हिरासत में

छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रामविचार नेताम के खिलाफ फर्जी शिकायत का मामला सामने आया है। आरोपियों ने फर्जी लेटरहेड का उपयोग करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय सहित अन्य उच्च संस्थानों को 80-90 शिकायतें भेजीं।

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Harrison Masih
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छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रामविचार नेताम को बदनाम करने के लिए रची गई एक सुनियोजित साजिश का खुलासा हुआ है। इस साजिश में फर्जी लेटर पैड का इस्तेमाल कर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), राष्ट्रपति भवन और अन्य उच्च पदस्थ संस्थानों को करीब 80 से 90 झूठी शिकायतें भेजी गई थीं। शिकायतों में मंत्री पर भ्रष्टाचार के बेबुनियाद आरोप लगाए गए थे।

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क्या है पूरा मामला?

इस पूरे फर्जीवाड़े की जानकारी सबसे पहले भाजपा नेता राहुल हरितवाल को हुई। उन्हें जब पता चला कि मंत्री रामविचार नेताम के खिलाफ हिंदू जनजागृति समिति, महाराष्ट्र के नाम पर शिकायतें भेजी गई हैं, तो उन्होंने तुरंत उस संगठन के समन्वयक सुनील घनवट से संपर्क किया।

सुनील घनवट ने ऐसी किसी भी शिकायत से साफ इनकार कर दिया और बताया कि उनके नाम, हस्ताक्षर, पदनाम और मोबाइल नंबर को फर्जी तरीके से इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने इसकी लिखित शिकायत पुणे पुलिस को दी और फिर रायपुर आकर जिला पुलिस अधीक्षक को भी आवेदन सौंपा।

कहां से भेजी गई थीं शिकायतें?

जांच में सामने आया कि ये सभी फर्जी शिकायतें कोरबा के हसदेव उप डाकघर से रजिस्टर्ड डाक के जरिए भेजी गई थीं। शिकायतकर्ता राहुल हरितवाल ने कोरबा जाकर इसकी पड़ताल की और डाकघर कर्मचारियों की मदद से CCTV फुटेज और मोबाइल नंबर के जरिए दो संदिग्धों की पहचान की:

मोहन मिरी और कमल वर्मा (जो कथित रूप से CG Employee Federation, रायपुर मोवा से जुड़ा है) इन दोनों युवकों ने बाइक से आकर डाक में शिकायतें रजिस्टर्ड करवाई थीं।

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FIR दर्ज, तीन संदिग्ध हिरासत में

रायपुर के राखी थाना पुलिस ने राहुल हरितवाल की शिकायत पर मामला दर्ज कर तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस फर्जीवाड़े के पीछे कौन मास्टरमाइंड है और इसके राजनीतिक या संस्थागत उद्देश्य क्या थे।

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318, 319 और 336 के तहत केस दर्ज किया है। ये धाराएं धोखाधड़ी, जालसाजी और झूठे दस्तावेजों के निर्माण जैसे गंभीर अपराधों से संबंधित हैं।

क्यों है यह मामला संवेदनशील?

जिन संस्थानों को शिकायतें भेजी गईं, वे देश के सबसे उच्चतम संवैधानिक पद हैं – प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति भवन, और अन्य वरिष्ठ मंत्रालय। शिकायत में एक राष्ट्रीय संगठन (RSS से जुड़ी संस्था) का नाम घसीटा गया। यह साजिश मंत्री की छवि खराब करने और राजनीतिक नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से की गई प्रतीत होती है।

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Agriculture Minister Ramvichar Netam

🔹 फर्जी लेटरहेड से की गई शिकायत:
महाराष्ट्र के हिंदू जनजागृति समिति के समन्वयक सुनील घनवट के नाम का फर्जी लेटरहेड इस्तेमाल कर PMO सहित कई उच्च पदस्थ संस्थानों को भ्रष्टाचार की शिकायतें भेजी गईं।

🔹 बड़ी संख्या में रजिस्टर्ड डाक:
कोरबा के हसदेव उप डाकघर से करीब 80-90 फर्जी शिकायतें रजिस्टर्ड डाक द्वारा भेजी गईं।

🔹 भाजपा नेता की सक्रियता:
रायपुर के कारोबारी और भाजपा नेता राहुल हरितवाल ने मामले की जानकारी होने पर जांच शुरू कराई और थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।

🔹 साजिश का खुलासा:
शिकायत की जांच में पाया गया कि शिकायतकर्ता और हस्ताक्षरकर्ता फर्जी हैं। यह मंत्री को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा था।

🔹 FIR और पुलिस कार्रवाई:
राखी थाना पुलिस ने BNS की धारा 318, 319 और 336 के तहत केस दर्ज किया है और 3 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

PMO भेजी गई फर्जी शिकायत 

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आगे की कार्रवाई 

रायपुर पुलिस अब इस बात की गहराई से जांच कर रही है कि शिकायतें किसके कहने पर भेजी गईं, इनका लाभ किसे मिल सकता था, और क्या कोई बड़ा गिरोह इसके पीछे है। साथ ही, इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसका पता लगाने के लिए डिजिटल सबूत, बैंकिंग ट्रेल, और संगठनिक लिंक खंगाले जा रहे हैं।

FAQ

मंत्री रामविचार नेताम के खिलाफ फर्जी शिकायत मामला क्या है?
छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रामविचार नेताम के खिलाफ महाराष्ट्र के हिंदू संगठन के नेता सुनील घनवट के फर्जी लेटरहेड और हस्ताक्षर का उपयोग कर पीएमओ समेत कई उच्च पदस्थ कार्यालयों में करीब 80-90 फर्जी शिकायतें भेजी गईं।
क्या फर्जी शिकायत मामले में FIR दर्ज हुई है?
हाँ, राखी थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ BNS की धारा 318, 319 और 336 के तहत मामला दर्ज किया है।
रामविचार नेताम के खिलाफ फर्जी शिकायत किसने और क्यों की?
फर्जी शिकायतें दो युवकों द्वारा कोरबा के हसदेव उप डाकघर से रजिस्टर्ड डाक के जरिए भेजी गईं। इनमें महाराष्ट्र के हिंदू जनजागृति समिति के समन्वयक सुनील घनवट के फर्जी लेटरहेड और हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया गया। प्रारंभिक जांच के अनुसार, इसका उद्देश्य मंत्री रामविचार नेताम की छवि को नुकसान पहुंचाना और उन्हें बदनाम करना था।

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