युक्तियुक्तकरण के बाद जिन शिक्षकों ने नवीन पदस्थापित शालाओं में जॉइन नहीं किया है, उनके वेतन पर रोक लगाने का आदेश डीपीआई ने जारी किया है। काउंसिलिंग के बाद जिले के 749 अतिशेष शिक्षकों में से 487 ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है, जबकि 262 वानी 35 प्रतिशत ने अब तक जॉइनिंग नहीं दी है। इनमें सबसे अधिक 134 सहायक शिक्षक शामिल हैं। इसके अलावा 42 शिक्षक, प्राथमिक एवं मिडिल स्कूलों के 15 प्रधानपाठक, 71 व्यता और एक प्राचार्य शामिल हैं।
युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में भाग नहीं लेने वाले और बाद में उसे गलत बताकर कोर्ट जाने वाले शिक्षक भी अब तक कार्यभार ग्रहण नहीं कर पाए हैं। ये शिक्षक भी कार्यभार ग्रहण न करने वाले 262 शिक्षक इसमें शामिल हैं। प्रदेशभर की विभिन्न शालाओं में अतिशेष शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण काउंसिलिंग के माध्यम से किया गया था। इसके बाद जिला, संभाग और राज्य स्तर पर उनकी पदस्थापना के आदेश जारी किए गए। लेकिन अब तक कई शिक्षकों ने नवीन संस्थाओं में कार्यभार नहीं संभाला है।
बिलासपुर जिले के 262 ऐसे शिक्षकों का वेतन रोकने के निर्देश डीपीओ ने दिए हैं। साथ ही, उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी तैयारी है। यह आदेश उन शिषाकों पर लागू नहीं होव, जिन्हें न्यायालय से अंतरिम राहत मिली है। जिला और संभाग स्तर पर युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद सभी संबंधित शिक्षकों को एकतरफा कार्यमुक्त कर दिया गया था और उन्हें नई संस्था में कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए थे।
जिला स्तर पर शिक्षकों को 9 जून और संभाग स्तर पर 11 जून तक जॉइन करना अनिवार्य किया गया था। संयुक्त संचालक शिक्षा ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया है कि वे अतिशेष शिक्षकों को तत्काल कार्यमुक्त करें। सभी बीईओ को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे शिक्षकों से नवीन स्थान पर कार्यभार ग्रहण कराएं।
डीपीआई ने किन शिक्षकों के वेतन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है और क्यों?
डीपीआई ने उन शिक्षकों के वेतन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है जिन्होंने युक्तियुक्तकरण के बाद नई संस्था में कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। बिलासपुर जिले में कुल 262 ऐसे शिक्षक हैं, जो अब तक जॉइन नहीं कर पाए हैं। इन शिक्षकों में सहायक शिक्षक, शिक्षक, प्रधानपाठक, व्यायाम शिक्षक और एक प्राचार्य शामिल हैं।
युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में कौन-कौन से स्तर शामिल थे और शिक्षकों को कब तक कार्यभार ग्रहण करना था?
युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया जिला, संभाग और राज्य स्तर पर काउंसिलिंग के माध्यम से की गई थी। सभी शिक्षकों को जिला स्तर पर 9 जून और संभाग स्तर पर 11 जून तक नवीन संस्था में कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य था।
जिन शिक्षकों ने नई जगह कार्यभार नहीं संभाला है, उनके खिलाफ आगे क्या कार्रवाई की जाएगी?
इन शिक्षकों के वेतन पर रोक लगाने के साथ-साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। हालांकि, यह आदेश उन शिक्षकों पर लागू नहीं होगा जिन्हें न्यायालय से अंतरिम राहत मिली है। सभी बीईओ को निर्देशित किया गया है कि वे संबंधित शिक्षकों से तत्काल कार्यभार ग्रहण कराएं।
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