रायपुर. राजनीति (politics)में धर्म और जाति (Religion and caste)को लाए जाने पर शंकराचार्य (shnkraacaary)अविमुक्तेश्वरानंद ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि ने कहा कि राजनेताओं को जातिगत जनगणना कराना ही क्यों है। एक धर्म की राजनीति कर रहे हैं और एक को जाति की राजनीति करनी है।
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शंकराचार्य (Shankaracharya ) ने रायपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में कहा कि राजनीतिक लोग धर्म का प्रयोग राजनीति के लिए कर रहे हैं। इसका मतलब यह है कि भारत की जनता के मन में धर्म प्रमुखता से छाया हुआ है। धार्मिक मामले दिमाग में घुसते रहते हैं, इसीलिए राजनीतिक लोग इसका फायदा उठाते हैं।
शंकराचार्य ने कहा कि जहां वैमनस्य फैले, कटुता, विद्वेष फैले, अलगाव जारी हो, इसका मतलब है, वहां धर्म नहीं है। धर्म में तो सीमेंट है, जो दो ईंटों को आपस में जोड़कर के एक बनाने का काम करता है। अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो देश में विद्वेष फेल रहा है। वह धर्म के नाम पर अधर्म है।
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गाय को दें राज्य माता का दर्जा
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ज्ञानव्यापी में पूजा शुरू होने पर शंकराचार्य ने कहा कि इसी तरह की जितनी भी व्यापियां हैं। जहां-जहां हमारे साथ अत्याचार हुआ है, वहां-वहां हम फिर से जाएंगे। अपनी पूजा अर्चना आरंभ करेंगे। यह हिंदुओं का अधिकार है। हम अपने पुराने स्थान को वापस लें इसमें खराबी क्या है। शंरकाचार्य ने कहा कि, गाय को राज्य माता का दर्जा देने के लिए छत्तीसगढ़ पहल करे। उन्होंने कहा कि, एक तरफ हिंदू राष्ट्र की बात होती है, लेकिन जब तक देश में गौ हत्या हो रही है, तब तक यह हिंदू देश नहीं कहला सकता है।
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नक्सलियों से बात कर ही निकलेगा रास्ता
छत्तीसगढ़ में बढ़ रही नक्सली घटनाओं को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि इसे दूर करने के लिए सबसे पहले नक्सलियों से परायापन हटाना पड़ेगा। उनसे बातचीत करनी पड़ेगी और उन्हें मुख्य धारा में जोड़ना पड़ेगा। शंकराचार्य ने कहा कि एक पुलिस वाले से उनकी मुलाकात हुई थी। उन्होंने कहा कि, पुलिसवाला अपने थाने को नक्सली थाना घोषित करवाने में लगा हुआ है। ऐसा करने से उनके थाने का भत्ता बढ़ जाएंगा। कहीं-कहीं लोग अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए नक्सलवाद को भी बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में इन चीजों को रोकना पड़ेगा।
सवा लाख शिवलिंग की स्थापना
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद बेमेतरा जिले के लिए रवाना हुए हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर कहा कि, छत्तीसगढ़ हमारा घर ही है। यहां हम आते ही रहते हैं। बेमेतरा जिले में सपाद लश्रेश्वर धाम मंदिर का निर्माण हो रहा है। इस मंदिर में सवा लाख शिवलिंग की स्थापना हो रही है।