धर्म बदल लो नशे से मिल जाएगी मुक्ति, बिलासपुर में प्रार्थना से नशे की लत से छुटकारा का दावा

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में फिर धर्मांतरण के गंभीर आरोपों ने सुर्खियां बटोरी हैं। सकरी थाना क्षेत्र के भरनी गांव में नशा मुक्ति कार्यक्रम की आड़ में कथित तौर पर धर्मांतरण कराने का मामला सामने आया है।

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Krishna Kumar Sikander
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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में फिर धर्मांतरण के गंभीर आरोपों ने सुर्खियां बटोरी हैं। सकरी थाना क्षेत्र के भरनी गांव में नशा मुक्ति कार्यक्रम की आड़ में कथित तौर पर धर्मांतरण कराने का मामला सामने आया है। हिंदू संगठनों की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के बाद इस कथित गैरकानूनी गतिविधि का पर्दाफाश हुआ, जिसके बाद पुलिस ने मौके से कई लोगों को हिरासत में लिया। यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि सामाजिक और धार्मिक माहौल में भी हलचल पैदा कर रही है।

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क्या है पूरा मामला?

बिलासपुर के सकरी थाना क्षेत्र के भरनी गांव में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था। आयोजकों ने इस सभा को नशा मुक्ति कार्यक्रम के रूप में प्रचारित किया, जिसमें दावा किया गया कि प्रार्थना के माध्यम से नशे की लत से छुटकारा पाया जा सकता है। इस प्रचार के कारण बड़ी संख्या में लोग, खासकर नशे की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति और उनके परिवार, इस आयोजन में शामिल हुए।

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हालांकि, हिंदू संगठनों को सूचना मिली कि इस प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण की गतिविधियां चल रही हैं। संगठनों के कार्यकर्ता तुरंत मौके पर पहुंचे और वहां चल रही गतिविधियों का जायजा लिया। उनके अनुसार, सभा में शामिल लोगों को नशा मुक्ति के बहाने एक विशेष धर्म को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा था। यह खुलासा होने के बाद हिंदू संगठनों ने तत्काल पुलिस को सूचित किया।

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पुलिस की कार्रवाई

सूचना मिलते ही सकरी थाना पुलिस की एक टीम तुरंत मौके पर पहुंची और स्थिति का आकलन किया। पुलिस ने प्रार्थना सभा में मौजूद कुछ लोगों को हिरासत में लिया, जिन पर धर्मांतरण कराने का आरोप है। हिरासत में लिए गए व्यक्तियों के खिलाफ भादंसं की प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत कार्रवाई शुरू की गई है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस आयोजन के पीछे का असली मकसद क्या था और कितने लोग इस कथित धर्मांतरण गतिविधि में शामिल थे।

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हिंदू संगठनों की भूमिका

हिंदू संगठनों ने इस मामले में अपनी सक्रियता दिखाते हुए न केवल घटना का खुलासा किया, बल्कि स्थानीय लोगों को इस तरह की गतिविधियों के प्रति जागरूक करने की भी कोशिश की। संगठनों का दावा है कि इस तरह के आयोजन सामाजिक समस्याओं, जैसे नशा मुक्ति, का सहारा लेकर भोले-भाले लोगों को गुमराह करते हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस तरह की गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाई जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

नशा मुक्ति की आड़ में धर्मांतरण का खेल

यह पहला मौका नहीं है जब बिलासपुर में नशा मुक्ति या अन्य सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के नाम पर धर्मांतरण के आरोप सामने आए हैं। इससे पहले भी जिले में ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें कथित तौर पर प्रलोभन, भ्रामक प्रचार और भावनात्मक दबाव का उपयोग कर लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया गया। इस बार भी आयोजकों ने नशा मुक्ति जैसे संवेदनशील मुद्दे को चुना, जो ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकता है।

कानूनी और सामाजिक पहलू

छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून लागू हैं। छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2003 के तहत जबरन, प्रलोभन या धोखे से धर्म परिवर्तन कराना दंडनीय अपराध है। इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है। इस मामले में पुलिस द्वारा की जा रही जांच में यह देखा जाएगा कि क्या आयोजकों ने इस कानून का उल्लंघन किया।सामाजिक स्तर पर, इस तरह की घटनाएं धार्मिक और सामुदायिक तनाव को बढ़ावा दे सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सामाजिक समस्याओं का समाधान करने के नाम पर इस तरह की गतिविधियां समाज में अविश्वास और विभाजन पैदा करती हैं।

प्रशासन की जनता से अपील

पुलिस ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे इस तरह के आयोजनों में शामिल होने से पहले आयोजकों की पृष्ठभूमि और मकसद की पूरी जानकारी लें। साथ ही, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

सामाजिक कल्याण के नाम पर धर्मांतरण

यह घटना एक बार फिर उन चुनौतियों को उजागर करती है, जो सामाजिक कल्याण के नाम पर होने वाली गैरकानूनी गतिविधियों से जुड़ी हैं। बिलासपुर पुलिस और प्रशासन इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई कर रहे हैं, और उम्मीद है कि जांच से इस कथित धर्मांतरण रैकेट के पूरे नेटवर्क का खुलासा होगा। इस बीच, जनता को जागरूक रहने और किसी भी संदिग्ध आयोजन में शामिल होने से पहले सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

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