बिलासपुर में धर्मांतरण पर हंगामा, प्रार्थना सभा पर हिंदू संगठनों ने लगाए गंभीर आरोप

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में धर्मांतरण के आरोप को लेकर तनाव बढ़ गया है। जिले के जोंधरा गांव में एक प्रार्थना सभा के दौरान विवाद हुआ। हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि प्रार्थना सभा के माध्यम से धर्मांतरण कराया जा रहा था।

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Krishna Kumar Sikander
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Uproar over religious conversion in Bilaspur the sootr
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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में धर्मांतरण को लेकर एक बार फिर तनाव का माहौल देखने को मिला है। जिले के पचपेड़ी थाना क्षेत्र के जोंधरा गांव में एक प्रार्थना सभा के दौरान हुए विवाद ने गांव का माहौल गरमा दिया। हिंदू संगठनों ने प्रार्थना सभा पर धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया, जबकि ईसाई समुदाय ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। दोनों पक्षों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है, और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

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क्या है पूरा मामला? 

जानकारी के अनुसार, जोंधरा गांव में एक ग्रामीण के घर पर ईसाई समुदाय द्वारा प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था। इस सभा में बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाएं शामिल हुई थीं। सभा के दौरान भजन-कीर्तन और प्रार्थना का कार्यक्रम चल रहा था।

इसी बीच, कुछ स्थानीय लोगों ने इस आयोजन को संदिग्ध बताते हुए इसका विरोध शुरू कर दिया। उनका दावा था कि प्रार्थना सभा के नाम पर ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा रहा है।विरोध की सूचना मिलते ही हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए और स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि गांव में लंबे समय से इस तरह की गतिविधियां चल रही हैं, जिनमें भोले-भाले ग्रामीणों को लालच देकर या दबाव बनाकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। हंगामा बढ़ता देख पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा, जिसने दोनों पक्षों को शांत कर स्थिति को नियंत्रण में लिया।

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ईसाई समुदाय का जवाब

ईसाई समुदाय ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया है। उनका कहना है कि यह आयोजन केवल एक नियमित प्रार्थना सभा थी, जिसमें भजन-कीर्तन और सामुदायिक प्रार्थना की गई। समुदाय के लोगों ने कहा कि यह सभा उनके धार्मिक रीति-रिवाजों का हिस्सा थी और इसका धर्मांतरण से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने हिंदू संगठनों पर गलत तरीके से माहौल खराब करने का आरोप लगाया।

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दोनों पक्षों ने दर्ज कराई शिकायत

विवाद बढ़ने के बाद दोनों पक्ष पचपेड़ी थाने पहुंचे और एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। हिंदू संगठनों ने धर्मांतरण के प्रयासों की जांच की मांग की, जबकि ईसाई समुदाय ने हंगामा करने और झूठे आरोप लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायतें दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

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पुलिस की कार्रवाई और गांव में तनाव

पचपेड़ी थाना प्रभारी ने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और दोनों पक्षों को समझाइश दी गई। पुलिस ने गांव में शांति बनाए रखने की अपील की है और ग्रामीणों से किसी भी अफवाह पर ध्यान न देने को कहा है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की गहन जांच की जा रही है। यदि धर्मांतरण या किसी अन्य अवैध गतिविधि के सबूत मिलते हैं, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

क्षेत्र में पहले भी उठ चुके हैं धर्मांतरण के मुद्दे

बिलासपुर जिले में यह पहला मौका नहीं है जब धर्मांतरण को लेकर विवाद हुआ हो। हाल के महीनों में जिले के विभिन्न हिस्सों में इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसके कारण सामुदायिक तनाव बढ़ा है। हिंदू संगठनों का दावा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में धर्मांतरण की गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं, जबकि अल्पसंख्यक समुदाय इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे उनकी धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताते हैं।

ग्रामीणों में बेचैनी, प्रशासन सतर्क

जोंधरा गांव में इस घटना के बाद से ग्रामीणों में तनाव का माहौल है। कई ग्रामीणों ने ऐसी घटनाओं के बार-बार होने पर चिंता जताई है। प्रशासन ने गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। साथ ही, स्थानीय नेताओं और सामाजिक संगठनों से भी शांति बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की गई है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

सामाजिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के विवाद सामुदायिक सौहार्द को प्रभावित करते हैं और इनसे निपटने के लिए संवाद और जागरूकता की जरूरत है। उनका कहना है कि बिना पुख्ता सबूतों के आरोप-प्रत्यारोप से स्थिति और बिगड़ सकती है। इसके लिए प्रशासन को निष्पक्ष जांच कर सच सामने लाना होगा।

FAQ

बिलासपुर के जोंधरा गांव में प्रार्थना सभा को लेकर क्या विवाद हुआ?
जोंधरा गांव में एक ग्रामीण के घर पर ईसाई समुदाय द्वारा आयोजित प्रार्थना सभा के दौरान हिंदू संगठनों ने धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। उनका दावा था कि ग्रामीणों को बहलाकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, जबकि ईसाई समुदाय ने इसे केवल धार्मिक प्रार्थना सभा बताया।
पुलिस और प्रशासन ने इस मामले में क्या कार्रवाई की?
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और दोनों पक्षों की शिकायतें दर्ज कीं। गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है और अफवाहों से बचने की अपील की है।
धर्मांतरण विवादों पर विशेषज्ञों की क्या राय है?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के विवाद सामुदायिक सौहार्द को बिगाड़ सकते हैं। बिना पुख्ता सबूतों के लगाए गए आरोपों से तनाव बढ़ता है। ऐसे मामलों में संवाद, जागरूकता और निष्पक्ष जांच जरूरी है ताकि सच्चाई सामने आ सके और शांति बनी रहे।

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