नोटिस पर नोटिस के बाद भी नहीं आया चावल घोटाले का किंगपिन, एसीबी ने पूछताछ के लिए बुलाया ईडी ने धर लिया

भूपेश सरकार के समय हुए पौने दो सौ करोड़ के कस्टम मिलिंग घोटाले ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में उफान ला दिया है। सात सीटों पर वोटिंग बाकी है और इस घोटाले में एक के बाद एक खुलासे कांग्रेस को मुश्किल में डाल रहे हैं।

Advertisment
author-image
Sandeep Kumar
New Update
PIC
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

अरुण तिवारी @. RAIPUR. छत्तीसगढ़ में अब एक और घोटाला ऐन चुनाव के समय चर्चा में आ गया है। इस घोटाले ने भी तत्कालीन भूपेश सरकार ( Bhupesh government ) को फिर से सवालों के घेरे में ला दिया है। पौने दो सौ करोड़ के कस्टम मिलिंग घोटाले ( custom milling scams ) के किंगपिन मार्केफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी ईडी की पकड़ में आ गए है। इससे पहले एक और बड़े आरोपी मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर को एक दिन पहले ही ईडी ने धर लिया था, लेकिन मनोज सोनी भाग न जाए इसलिए उसकी गिरफ्तारी छिपाई गई। इस घोटाले के राजा और वजीर की गिरफ्तारी बड़े नाटकीय तरीके से हुई। नोटिस पर नोटिस के बाद भी सामने न आने वाले इन घोटालेबाजों को ईडी ( ED ) ने नई योजना से पकड़ा। 

ये खबर भी पढ़िए...महादेव सट्टा ऐप : राहुल और रितेश को जेल, सतीश, चंद्रभूषण और दम्मानी EOW की रिमांड पर

पौने दो सौ करोड़ के कस्टम मिलिंग घोटाला


भूपेश सरकार के समय हुए पौने दो सौ करोड़ के कस्टम मिलिंग घोटाले ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में उफान ला दिया है। सात सीटों पर वोटिंग बाकी है और इस घोटाले में एक के बाद एक खुलासे कांग्रेस को मुश्किल में डाल रहे हैं। मंगलवार को इस घोटाले के सबसे बड़े आरोपी खाद्य विभाग के अफसर और मार्केफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी की गिरफ्तारी हुई। इससे पहले सोमवार को इस घोटाले के दूसरे नंबर के आरोपी मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्रकर को गिरफ्तार किया गया। अब इनकी गिरफ्तारी कैसे हुई वो हम आपको बताते हैं। 

ये खबर भी पढ़िए...डॉक्टर शाहिद अली university से बर्खास्त, कुलपति ने जारी किया आदेश

इस तरह पकड़ में आए घोटालेबाज 

ईडी और एसीबी ने बड़े योजनाबद्ध तरीके से इनको अपनी गिरफ्त में लिया। ईडी और एसीबी के नोटिस पर नोटिस के बाद भी ये लोग हाजिर नहीं हुए। यानी इनको तारीख  पर तारीख दी गई लेकिन इनका कोई जवाब नहीं आया। जांच एजेंसी की तरफ से इनको तीन नोटिस दिए जा चुके थे। फिर एसीबी ने एक चाल चली। सबसे पहले रोशन चंद्राकर की तलाश की गई और उसको पूछताछ के बहाने अपने दफ्तर बुलाया। जैसे ही चंद्राकर आया उससे एसीबी ने लंबी पूछताछ की और ये भनक किसी को भी नहीं लगने दी कि उनके यहां रोशन चंद्राकर से पूछताछ की जा रही है। एसीबी को ये आशंका थी कि यदि ये खबर मनोज सोनी तक पहुंच गई तो वो भाग जाएगा। रोशन चंद्राकर को एसीबी ने अपने कब्जे में रखा। इसके बाद मनोज सोनी की तलाश की गई। मनोज सोनी की लोकेशन जमशेदपुर में मिली। एसीबी ने मनोज सोनी से कहा कि उन्होंने नोटिस का जवाब नहीं दिया है इसलिए सिर्फ पूछताछ करनी है। मनोज सोनी को रायपुर बुलाया गया और एसीबी ने पूछताछ की। इसके बाद मनोज सोनी और रोशन चंद्राकर को एसीबी ने ईडी को सौंप दिया। ईडी ने इनसे लंबी पूछताछ की और गिरफ्तार कर लिया। 

हर क्विंटल पर 20 रुपए की रिश्वत 

ईडी की जांच में कई चीजें सामने आई हैं। भ्रष्टाचार का ये पूरा खेल पिछले सवा साल से चल रहा था। इस वसूली में मार्कफेड के पूर्व प्रबंध निदेशक मनोज सोनी समेत  और खाद्य विभाग के कुछ अफसरों समेत मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी तक शामिल हैं। जांच में ये बात सामने आई है कि एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर लेवी वसूलते थे। और अफसरों को जानकारी देते थे। जिनसे रुपए नहीं मिलते थे उनका भुगतान रोक दिया जाता। करोबारियों ने भी माना की अफसरों को हर काम का पैसा देना पड़ता था। कस्टम मिलिंग में प्रति टन 20 रुपए वसूली की जाती थी। इस पूरी वसूली के लिए बाकायदा पूरी टीम काम कर रही थी। इस टीम में मार्कफेड के अधिकारी और छत्तीसगढ़ स्टेट इन मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी शामिल थे। आरोप है कि, कस्टम मिलिंग, डीओ काटने, मोटा धान को पतला, पतले धान को मोटा करने, एफसीआई को नान में कंवर्ट करने का पैसा लिया जाता था।

इस काम के लिए इतनी वसूली 

कस्टम मिलिंग प्रति क्विंटल - 20 रुपए की वसूली
डीओ काटने का -100 रुपए की वसूली
मोटा धान को पतला धान करने की रिपोर्ट प्रति क्विंटल - 100 रुपए की वसूली
पतले धान को मोटा बताने की रिपोर्ट प्रति क्विंटल -100 रुपए की वसूली
एफसीआई  से नान कन्वर्ट करने की रिपोर्ट प्रति क्विंटल -100 रुपए की वसूली

बड़े नाम आ सकते हैं सामने 

इस घोटाले के दो प्रमुख आरोपियों के पकड़े जाने के बाद इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इन दोनों आरोपियों से पूछताछ में कई बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं।

 

Bhupesh government custom milling scams कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर ईडी और एसीबी कस्टम मिलिंग घोटाले