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Sanskrit is being studied in jail Raipur : जेल की सलाखों के पीछे रहने वाले बंदी अब देवभाषा सीख रहे हैं। जेल में देवभाषा यानी संस्कृत की पढ़ाई कराई जा रही है। रायपुर सेंट्रल जेल में यह नया प्रयोग है। जेल के 68 कैदी संस्कृत की पढाई कर रहे हैं। सरकारी विश्वविद्यालयों के सहयोग से यहां पर संस्कृत की शिक्षा शुरु की गई है। संस्कृत में कैदी श्लोक और मंत्र भी सीख रहे हैं। संस्कृत के अलावा यहां के कैदी हिंदी और इंग्लिश लिटरेचर से पोस्ट ग्रेजुएशन भी कर रहे हैं।
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कैदी हैं रेग्युलर स्टूडेंट
रायपुर सेंट्रल जेल में शिक्षा सत्र 2024-25 में पहली कक्षा से लेकर स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई करने वाले 291 कैदी है, जो नियमित पढ़ाई कर रहे हैं। इन सभी कक्षाओं की परीक्षा के लिए संबंधित शिक्षा संस्थानों, बोर्ड और विश्वविद्यालय ने रायपुर सेंट्रल जेल में परीक्षा केंद्र भी बना लिया है। इस तरह से शिक्षा के क्षेत्र में रायपुर सेंट्रल जेल ने यह उपलब्धि हासिल की है। जेल प्रशासन को उम्मीद है कि यहां शिक्षा प्राप्त करने के बाद कैदियों में शायद ही अपराध करने की प्रवृत्ति दोबारा आएगी, जहां सभी नये-पुराने पाठ्यक्रमों में सैकड़ों कैदी पढ़ाई कर रहे हैं।
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पोस्ट ग्रेजुएशन भी कर रहे कैदी
रायपुर सेंट्रल जेल में सैकड़ों बंदियों की जिंदगी को शिक्षा के माध्यम से बदलने का प्रयास किया जा रहा है। यहां भारत साक्षरता मिशन अंतर्गत (उल्लास) 39 बंदी परीक्षार्थी सम्मिलित हो रहे हैं। प्राथमिक व माध्यमिक कक्षा में 72 से ज्यादा कैदी पढ़ाई कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ ओपन हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल परीक्षा में 68 बंदी परीक्षार्थी सम्मिलित हो रहे हैं।
बीए और एमए में 100 से ज्यादा कैदी है। समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, हिंदी साहित्य अंग्रेजी साहित्य, लोकप्रशासन सहित अनेक विषयों पर कैदी पीजी कर रहे हैं। 68 कैदी संस्कृत के अनेक विषयों में पढ़ाई कर रहे हैं।
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इसी तरह इग्नू के अनेक पाठ्यक्रमों में सैकड़ों कैदी अध्ययनरत है। यहां इन कक्षाओं से संबंधित 11 हजार 663 पुस्तकें भी पुस्तकालय में रखी गई है। जेल शिक्षकों के अलावा विभिन्न महाविद्यालय के प्राध्यापकों के द्वारा तथा समय-समय पर पाठ्यक्रम अनुसार कैदियों को मार्गदर्शन दिया जाता है। जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने बताया कि जेल में कैदियों को शिक्षित करने के लिए अनेक पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहे हैं। शिक्षा सुविधा के मामले में तिहाड़ के बाद रायपुर सेंट्रल जेल है, जहां सैकड़ों कैदी पीजी की पढ़ाई कर रहे हैं।
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जेल में अध्ययनरत कैदियों को परीक्षा देने बाहर नहीं जाना पड़े इसलिए चार शैक्षिक संस्थाओं ने रायपुर सेंट्रल को स्थायी परीक्षा केंद्र बना दिया है। छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल एनआईओएस छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम्, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता मिली है।
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