छत्तीसगढ़ में एक तरफ़ जहां केंद्र और राज्य सरकारें प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) को लेकर गंभीर और प्रतिबद्ध नजर आ रही हैं, वहीं दूसरी ओर बलरामपुर जिले के जनपद पंचायत वाड्रफनगर के अंतर्गत आने वाले सर्ना ग्राम पंचायत से पीएम आवास में घोटाले का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां मृतकों के नाम पर स्वीकृत हुए आवास, सरकारी राशि की निकासी, और अन्य व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने का गंभीर आरोप सामने आया है।
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ऐसे हुआ घोटाला
मिली जानकारी के अनुसार, गांव के करीब 25 मृत ग्रामीणों के नाम पर प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कर दिए गए और उनके नाम पर सरकारी राशि भी निकाल ली गई। यह राशि उन परिवारों को नहीं मिली, जिनके नाम पर स्वीकृति दर्शाई गई थी, बल्कि गांव के कुछ प्रभावशाली लोगों को इसका लाभ दिला दिया गया।
खुलासा ऐसे हुआ
मामला तब सामने आया जब गांव के कुछ पात्र लेकिन वंचित ग्रामीण प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपने आवेदन की स्थिति जानने कार्यालय पहुंचे। जांच में पता चला कि उनके स्वर्गीय परिजनों के नाम पर पहले ही योजना स्वीकृत हो चुकी है और राशि की निकासी भी कर ली गई है।
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ग्रामीणों में आक्रोश
इस खुलासे के बाद गांव में रोष की लहर दौड़ गई है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी तंत्र की लापरवाही या मिलीभगत के चलते वास्तविक हकदारों को योजना से वंचित कर दिया गया और फर्जीवाड़ा कर सरकारी राशि हड़प ली गई। गांववालों ने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कठोर कार्यवाही की मांग की है।
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यह कहता है प्रशासन
अब तक प्रशासन की ओर से कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन ग्रामीणों की शिकायत पर जांच की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। सूत्रों का मानना है कि इस मामले में पंचायत सचिव, सहायक, और कुछ बिचौलियों की मिलीभगत हो सकती है।
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