छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के बिरगुड़ी वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम सोनामगर में रविवार की सुबह उस वक्त सनसनी फैल गई जब एक तेंदुआ शिकार की तलाश में भटकते हुए रहवासी इलाके में घुस आया। यह तेंदुआ गांव के एक किराना व्यापारी उत्तम साहू के घर में घुसते-घुसते सीधे उनके बाथरूम में जा पहुंचा, जहां बाथरूम का दरवाजा बंद हो जाने से वह भीतर ही फँस गया।
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गांव में मची भगदड़
तेंदुए की दहाड़ सुनकर सबसे पहले घरवालों को अनहोनी का आभास हुआ। जब बाथरूम से अजीब आवाजें आने लगीं तो उन्होंने बाहर जाकर आसपास के ग्रामीणों को सूचना दी। थोड़ी ही देर में यह खबर पूरे गांव में फैल गई और गांव के लोग 'भागो-भागो' चिल्लाते हुए इधर-उधर भागने लगे। देखते ही देखते घर के बाहर लोगों की भीड़ लग गई।
दो घंटे तक रोके रहे सांसें
तेंदुआ बाथरूम में करीब दो घंटे तक फँसा रहा। अंदर से उसकी गुर्राहट सुनकर कोई भी पास जाने की हिम्मत नहीं कर रहा था। घर के सदस्य और ग्रामीण दूरी बनाकर वन विभाग के आने का इंतजार करने लगे।
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रेस्क्यू ऑपरेशन
सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। साथ ही सिहावा थाना पुलिस ने भी मोर्चा संभाला। सबसे पहले भीड़ को नियंत्रित कर इलाके को खाली कराया गया। इसके बाद बाथरूम के आसपास ग्रीन शेड और सुरक्षा जाल लगाकर एक सुरक्षित रेस्क्यू कॉरिडोर तैयार किया गया।
वन विभाग की सूझबूझ और सतर्कता के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन सफल रहा। तेंदुए को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया और उसे जंगल में छोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
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गांव में राहत की सांस, लेकिन सवाल भी
इस घटना के बाद गांव में तो राहत है, लेकिन यह सवाल भी उठ खड़ा हुआ है कि वन्यजीव अब रिहायशी इलाकों में क्यों आ रहे हैं? वन विभाग को इस दिशा में दीर्घकालीन रणनीति बनानी होगी, ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में टाली जा सकें।
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