राजधानी के पंडरी में स्थित श्री शिवम कपड़ा शोरूम में 29 लाखों रुपये की चोरी मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। इस मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से 16लाख 89 हजार रुपए बरामद किए गए हैं। चोरी का मास्टरमाइंड दुकान में काम करने वाला कर्मचारी है।
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शोरूम बंद होने से 15 मिनट पहले आया था चोर
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि वारदात के दिन आरोपी शोरूम बंद होने से करीब 15 मिनट पहले बुर्का पहनकर अंदर आया और दुकान के वॉसरूम में छिप गया था। जब दुकान बंद हो गई तो रात लगभग 12 बजे के बाद बाहर निकला। इसके बाद काउंटर का ड्रॉअर तोड़कर 30 लाख रुपये एक बैग में भरे और वह छत से रस्सी के सहारे नीचे उतरने लगा। मगर, वह गिर गया इससे उसका पैर टूट गया। पुलिस ने उसे तिल्दा के ओम अस्पताल से गिरफ्तार किया।
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चोरी का मास्टरमाइंड राजेश टंडन
इस चोरी को राजेश टंडन ने अंजाम दिया था। वह उसी कॉम्प्लेक्स में स्थित टाइटन वॉच फ्रेंचाइजी में बतौर सेल्समैन काम करता था। राजेश को शोरूम की पूरी सुरक्षा व्यवस्था और सीसीटीवी कैमरों के बारे में जानकारी थी। पूछताछ में आरोपी ने अपने तीन अन्य साथियों के नाम बताए। इसमें राजनांदगांव का मोहनीश श्रीवास्तव, चिखली धरसींवा का सुरेश दीवान और प्रेम बघेल शामिल हैं। पुलिस ने उनको
महाराष्ट्र के शिरडी और शनि शिंगणापुर से गिरफ्तार किया। तीनों को रायपुर लाकर चोरी में इस्तेमाल वाहन और शेष रकम की बरामदगी की।
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चारों का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं
पुलिस जांच में पता चला कि चारों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड में नहीं हैं, लेकिन आर्थिक तंगी और कर्ज से जूझ रहे थे। मोहनीश ने कर्ज पर तीन मोबाइल और एक सेकंड हैंड आई-20 कार खरीदे थे।
वह इनकी किस्तें नहीं चुका पा रहा था। चोरी की रकम से उसने 90 हजार की किस्त चुकाई। इसी तरह राजेश ने बीसी की किस्त जमा की।
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रात में बंद कर दिए जाते हैं शोरूम के कैमरे
गौर हो कि श्री शिवम शोरूम के मालिक ने पुलिस बताया था कि रविवार और सोमवार को बैंक बंद होने के कारण नकद दुकान में ही रखा था। जब मंगलवार को नकद गिना गया तो रुपये कम निकले। इस पर उनको चोरी की शंका हुई और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। दुकान में दो दर्जन कैमरे लगे हैं, लेकिन किसी में रात का फुटेज नहीं मिला था। पुलिस अफसरों ने शोरूम मालिक से पूछा तो उन्होंने बताया कि रात में कैमरे बंद कर दिए जाते हैं। यह बात सुनकर पुलिस अफसर हैरान हो गए। रात का फुटेज नहीं था और दिन में कैमरों में ऐसी किसी गतिविधि का पता नहीं चला, जिससे चोरी का सुराग मिल पाए।