छत्तीसगढ़ में बेहतर विद्युत आपूर्ति और सुविधा के नाम पर सभी घरों और दफ्तरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। यही स्मार्ट मीटर अब बिजली उपभोक्ताओं को झटका देने वाले हैं। पावर वितरण कंपनी (CSPDCL) ने स्मार्ट मीटर सरचार्ज के नाम पर 367 करोड़ की मांग की है। इसके लिए CSPDCL ने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग में एक याचिका लगाई है। याचिका में सरचार्ज वसूली की अनुमति मांगी गई है। इस याचिका पर नियामक आयोग नए टैरिफ के निर्धारण का निर्णय लेगा।
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स्मार्ट मीटर लगाने का चल रहा काम
पूरे प्रदेश में पुराने इलेक्ट्रॉनिक मीटर की जगह स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है। फिलहाल स्मार्ट मीटर लगाने के बाद भी उपभोक्ताओं से किसी प्रकार का चार्ज नहीं लिया जा रहा। उपभोक्ताओं को बताया जा रहा है कि यह निःशुल्क लगेगा। इसके विपरीत पिछले दरवाजे से उपभोक्ताओं पर स्मार्ट मीटर लगाने का सरचार्ज वसूलने की तैयारी की जा रही है।
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रिवाइज पिटिशन दाखिल की
बिजली वितरण कंपनी प्रबंधन ने विद्युत नियामक आयोग में रिवाइज पिटिशन दाखिल की है। इसमें स्मार्ट मीटर के नाम पर 367 करोड़ की मांग करते हुए नए टैरिफ में जोड़ने की अनुमति मांगी है। इसके लिए प्रबंधन ने पहले का 4559 करोड़ का घाटा बताते हुए उसकी भरपाई टैरिफ से करने का आग्रह किया था। अब 367 करोड़ जोड़ने के बाद 4926 करोड़ रुपए का अंतर आ गया है। इसकी भरवाई के लिए बिजली दर बढ़ाने पर सीधा भार उपभोक्ताओं पर आएगा।
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सरचार्ज के नाम पर होगी वसूली
माना जा रहा है कि वितरण कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए आयोग सीधे स्मार्ट मीटर के नाम से उपभोक्ताओं से भले पैसा न ले, लेकिन सरचार्ज के नाम पर वसूली की जा सकती है। अभी नया टैरिफ के लागू होने में समय है। आयोग में रिक्त दो सदस्यों के पदों पर नियुक्ति के बाद ही नए टैरिफ को लेकर जनसुनवाई होगी। टैरिफ की घोषणा जून तक होने की संभावना है।
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स्मार्ट मीटर होगा प्री पैड
इस समय उपभोक्ताओं के घरों या दफ्तरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, उसकी रीडिंग और बिलिंग वर्तमान व्यवस्था में की जा रही है। प्री पैड व्यवस्था के लिए कुछ माह और इंतजार करना होगा। प्री पैड सिस्टम शुरू करने का निर्णय पावर वितरण कंपनी प्रबंधन को लेना होगा। स्मार्ट मीटर में मोबाइल की तरह उपभोक्ता बैलेंस डालकर बिजली का उपयोग कर सकेंगे। इसके लिए मोर बिजली एप से रोजाना खपत की जानकारी दी जाएगी।
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